दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित दिल्ली सरकार के स्कूलों में रोजाना केवल दो घंटे ही पढ़ाई होने की शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।
याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में केवल दो घंटे या एक दिन छोड़कर ही पढ़ाई होती है। इससे एक लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
याचिका में मांग की गई है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सर्वोदय कन्या विद्यालय खजूरी खास, सर्वोदय बाल विद्यालय खजूरी खास, सोनिया विहार, करावल नगर, सभापुर, टुकबीरपुर इत्यादि स्थानों के स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के अधिकार कानून के तहत पूर्णकालिक शिक्षा मुहैया कराई जाए। याचिका में कहा गया है कि बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देना सरकार का दायित्व है।
याचिका में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत एक शैक्षणिक सत्र में न्यूनतम दो सौ शिक्षण दिवस होने चाहिए। इस कानून के तहत कक्षा एक से कक्षा पांचवीं तक एक शिक्षण सत्र में कम से कम आठ सौ क्लास आयोजित किए जाने चाहिए। कक्षा छह से आठ तक एक शिक्षण सत्र में न्यूनतम 220 शिक्षण दिवस होने चाहिए जबकि न्यूनतम एक हजार क्लासेज आय़ोजित की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने 5 सितंबर और 12 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल को पत्र लिखकर इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया गया था लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।