जनपद में 67 गांवों में अबतक सामुदायिक शौचालय अधूरें पड़े है। इन शौचालयों को 25 सितंबर तक पूर्ण कराने के लिए डीपीआरओ अंशुल मौर्या ने निर्देश जारी कर दिया है। सामुदायिक शौचालय बनने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि विभाग की ओर से 1167 सामुदायिक शौचालयों की देखरेख के लिए केयर टेकर की नियुक्ति कर दी गयी है। लेकिन इसके बाद भी सामुदायिक शौचालयों के दरवाजे बंद है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को स्वच्छ रखने के लिए सामुदायिक शौचालय बनाए। लेकिन इन शौचालयों का लाभ नहीं मिल रहा है। गांवों में आबादी के अनुसार दो सीट, चार सीट व छह व आठ सीट के शौचालय बनाये गए है। विभागीय लापरवाहीं के कारण अबतक 67 गांवों के सामुदायिक शौचालय पूर्ण नहीं कराए गये है। जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। बरसात में केयर टेकर को सुपुर्द हो चुके सामुदायिक शौचालयों में लटकते ताला परेशानी का सबब बना हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी अंशुल मौर्य ने बताया कि ग्राम प्रधान व पंचायत सचीव को निर्देशित किया है कि 25 सितंबर किसी भी हालात में सामुदायिक शौचालय पूर्ण कराएं। वहीं स्वयं सहायता समूह की ओर से तैनात की गई केयर टेकर की जांच करे। हैंडओवर होने के बाद भी सामुदायिक शौचालय पर ताला बंद मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।