गुरुवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे झमाझम बरसात से किसानों के मुरझाए चेहरे खिल उठे। वहीं आमजन को उमसभरी गर्मी से राहत मिली। लेकिन दो दिनों से हो रही बरसात ने स्वच्छता मिशन के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर जिम्मेदारों द्वारा साफ-सफाई किये जाने के दावों की पोल खुल गयी। सड़क से लगायत, गली व मुहल्लों में कीचड़ व फिसलन से लोगों को आने-जाने में बेहद परेशानी हुई।
सुबह से ही तेज धूप के बीच उमसभरी गर्मी से लोग बेहाल थे। इसी बीच करीब तीन बजे आसमान बादलों से घिर गया और झमाझम बारिश होने लगी। बरसात से खरीफ की मुख्य फसल धान को संजीवनी मिल गयी है। किसानों का कहना है कि यदि अब से भी मानसून सक्रिय हो जाय तो सुखने से बची फसलें बेहतर हो जायेंगी। दूसरी ओर नगरपालिका, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा सड़क, नाली व खडंजा सफाई के नाम पर पानी के लाखों रुपये खर्च कर कराये गये कार्यों की पोल दो दिन की बरसात के बाद खुलती नजर आयी। शहर के करीब एक दर्जन मुहल्लों में जाने वाली रास्तों पर नाबादान का पानी बहना शुरू हो गया है। वहीं सड़कों पर कीचड़ व फिसलन से बुजुर्ग व बच्चों को दिक्कत होती नजर आयी। कस्बा व गांवों की हालत तो और बदहाल है।
हिसं नगरा के अनुसार क्षेत्र में गुरुवार की शाम करीब एक घंटे हुई झमाझम बारिश से खरीफ फसलों को संजीवनी मिलने के साथ ही लोगों उमस भरी गर्मी से राहत मिली। लेकिन नवसृजीत नगर पंचायत नगरा बाजार स्थित दुर्गा मंदिर से हनुमान मंदिर तक सड़कों पर लबालब पानी पर गया। इसके चलते पैदल, साइकिल व बाइक सवार लोगों को आने-जाने में बेहद परेशानी होती नजर आयी।