– इत्र कारोबारी पीयूष की कई दिनों से किसी न किसी कारण से नहीं हो पा रही थी रिहाई
196 करोड़ रुपये कैश और 23 किलो सोना बरामदगी मामले में करीब नौ माह से कानपुर जेल में बंद धनकुबेर इत्र कारोबारी पीयूष जैन की आखिरकार गुरुवार को रिहाई हो गई। कई दिनों से किसी न किसी कारण से उसकी रिहाई लटक जाती थी, जबकि एक सितम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैश मामले में जमानत दे दी थी। वहीं सोना मामले में पहले ही जमानत हो चुकी थी।
दरअसल अहमदाबाद की डीडीजीआई टीम ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर के ठिकानों पर 23 दिसंबर 2021 को छापेमारी की थी। नकदी और सोना मिलने पर कन्नौज स्थित भी पीयूष के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। डीडीजीआई की टीम को कई दिनों के सर्च के बाद सभी जगहों से 196 करोड़ कैश बरामद हुआ था। इसके अलावा 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था। डीडीजीआई की टीम ने 23 दिसम्बर को ही पीयूष जैन को पुलिस के हवाले कर दिया था और 27 दिसंबर को डीडीजीआई ने पीयूष को जेल भेज दिया था। तब से वह कानपुर की जेल में बंद है और बराबर कोर्ट में उसकी जमानत याचिका खारिज होती रही। इस दौरान कानपुर में मुंबई तक से वकील पीयूष की जमानत को पहुंचे थे, लेकिन कानपुर की लोअर और सेशन दोनों कोर्ट ने उसकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी। इसके बाद पीयूष का बेटा प्रत्युष जैन हाई कोर्ट पहुंचा। जहां अधिवक्ता पीयूष कुमार शुक्ला ने पीयूष जैन की जामनत की पैरवी शुरू की। आखिर अपनी गिरफ्तारी के 212 दिन बाद पीयूष जैन को पहली राहत की खबर मिली। जब हाईकोर्ट ने पीयूष की विदेशी सोना रखने के मामले में जमानत मंजूर कर ली।
अधिवक्ता पीयूष कुमार शुक्ल ने गुरुवार को बताया कि इत्र कारोबारी पीयूष के 196 करोड़ रुपये कैश मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। एक महीने बाद एक सितम्बर को हाईकोर्ट ने उनके जमानत का आदेश जारी कर दिया। हाईकोर्ट ने कुछ शर्ते रखी थीं जिसके चलते कई दिनों से किसी न किसी कारण से पीयूष की रिहाई नहीं हो पाई थी और आज 251 दिन बाद पीयूष की रिहाई हो गई। बताया कि इस दौरान एक करोड़ रुपये का टैक्स भी चुकता किया गया है।