राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने अनुसूचित जाति की आबादी के पास कचड़ा डम्पिंग यार्ड बनाने के मामले में रिपोर्ट तलब किया है ।
आयोग के अध्यक्ष बिजय सिम्पला ने नवादा जिला के नरहट प्रखंड अन्तर्गत ग्राम शेखपुरा के पासी टोला के पास गंदे कूड़े-कचड़ों को डम्पिंग करने के लिए बनायी जा रही संरचना से संबंधित शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग के सदस्य डा.अंजु बाला के कोर्ट को इस मामले की सुनवाई हेतु अधिकृत किया है और आयोग के बिहार राज्य के निदेशक संजय कुमार सिंह से रिपोर्ट तलब की है।
उल्लेखनीय है कि नरहट प्रखंड के समाजसेवी राज कुमार चौधरी ने आयोग को प्रेषित परिवाद के माध्यम से शिकायत की थी कि ग्राम शेखपुरा के पासी टोला के पास पूरे पंचायत के गंदे कचड़ों का ढ़ेर एकत्रित करने के लिये डम्पिंग-यार्ड का निर्माण किया जा रहा है जिस से यहां निवास करने वाले गरीब परिवारों में बीमारी तथा महामारी फैलने की आशंका सदैव बनी रहेगी। इस स्थान पर अनुसूचित पासी, रविदास, रजवार तथा दुसाध जाति के साथ ही अत्यंत पिछड़ी अंसारी और फकीर जाति के लोग निवास करते हैं। अनुसूचित जाति तथा जन जाति अत्यचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत अनुसूचित जाति की आबादी के पास कचड़ों के ढ़ेर को डम्प न करने का स्पष्ट निदेश है परन्तु संबंधित एजेंसी और नरहट के कनीय अभियंता ने इस संरचना के निर्माण के लिए ले-आउट करा दिया है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस संबंध में अनेक बार नरहट के अंचल अधिकारी से मिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
स्थानीय विधायक नीतू कुमारी ने भी नवादा के उप विकास आयुक्त और रजौली के भूमि सुधार उप समाहर्ता से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था जिस पर इन अधिकारियों ने इस कार्य पर रोक लगाने का आदेश दिया था परन्तु संबंधित एजेंसी और कनीय अभियंता बाहरी असमाजिक तत्वों से स्थानीय लोगों को डरा-धमका कर बलपूर्वक कार्य करा रहे हैं
चौधरी ने अपने परिवाद के माध्यम से इस संरचना के निर्माण की राशि के भुगतान पर रोक लगाते हुए इस स्थल की भूमि का चयन करने वाले हलका कर्मचारी और इस की स्वीकृति देने वाले प्रशासनिक अधिकारी के साथ ही संबंधित एजेंसी और कनीय अभियंता के विरूद्घ अनुसूचित जाति/जन जाति अत्यचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकि दायर कराने का अनुरोध राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से किया है। चौधरी ने कहा कि वे मुख्य मंत्री के जनता दरबार में भी यह मामला ले जायेंगे और बिहार विधान मंडल के आगामी सत्र में अनुसूचित जाति के माननीय विधायकों और विधान पार्षदों के माध्यम से सदन में भी इसे उठवाएंगे।