प्रदेश के स्थायी डीजीपी के लिए शासन ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें यूपी कॉडर के उन अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनकी 30 वर्ष की सेवा अवधि पूरी हो चुकी है। अब यूपीएससी यूपी के डीजीपी के लिए तीन नामों का पैनल तय करेगा।
सूत्रों का कहना है कि पैनल के लिए केंद्र सरकार को डीजी रैंक के 20 और एडीजी रैंक के 22 अधिकारियों का प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें पहले नंबर वर्ष 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल से लेकर वर्ष 1992 बैच की नीरा रावत तक के नाम वरिष्ठता क्रम में है। इनमें उन अधिकारियों को भी शामिल किया है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। बता दें प्रदेश में डीजी रैंक के अधिकारियों की संख्या 14 है लेकिन 6 ऐसे अधिकारी केंद्र में एडीजी रैंक में तैनात हैं। ये प्रदेश में लौटते ही डीजी रैंक के लिए अर्ह होंगे।
वरिष्ठता के क्रम में भेजे गए सभी अधिकारियों के नाम
यूपीएससी को भेजे गए नाम में वर्ष 1987 बैच के मुकुल गोयल, आरपी सिंह व जीएल मीणा, वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा, देवेंद्र सिंह चौहान, अनिल कुमार अग्रवाल व आनंद कुमार का नाम सबसे ऊपर है। अगले साल जनवरी में जीएल मीणा और फरवरी में आरपी सिंह रिटायर हो रहे हैं। इस तरह दोनों अधिकारियों की सेवा छह माह से कम बची है।
आयोग अगर प्रस्ताव की तिथि के आधार पर पैनल का निर्णय लेता है तो इसमें मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान का नाम शामिल होगा। इनके स्थायी डीजीपी बनने की संभावना सबसे अधिक है। गौरतलब है कि मुकुल गोयल को 11 मई 2022 को सरकार ने डीजीपी पद से हटा दिया था। इसके बाद 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था।