भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े लेवाना सुइट्स होटल में आग की घटना के बाद अफसरों को बचाने के लिए लीपापोती का खेल भी शुरू हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने लेवाना के अवैध निर्माण में सिर्फ 22 इंजीनियरों पर ही कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजा, अधिकारियों के बारे में कुछ नहीं किया गया। शासन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इस प्रस्ताव को यह कहते हुए लौटा दिया कि क्या इस मामले में सिर्फ इंजीनियर ही दोषी हैं? अफसर नहीं? आवास विभाग ने एलडीए से इसके जिम्मेदार अफसरों के बारे में भी रिपोर्ट तलब की है।
प्रदेश में पहले भी अवैध रूप से होटल, अस्पताल या बड़े भवनों में किसी बड़ी घटना के बाद संबंधित शहर के विकास प्राधिकरण केवल जेई, एई और एक्सईएन के खिलाफ ही कार्रवाई का प्रस्ताव भेजकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लेवाना अग्निकांड में भी एलडीए ने लीपापोती शुरू कर दी है। एलडीए ने लेवाना के अवैध निर्माण के लिए 22 अभियंताओं पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। वर्ष 2018 में भी लखनऊ राजधानी नाका (चारबाग) में भी अवैध रूप से बने विराट होटल में आग लगी थी। इसमें छह लोगों की मौत हुई थी। एलडीए ने इस मामले में भी 46 अभियंताओं को दोषी बताते हुए कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा था।
प्राधिकरण से शासन तक चलता है लीपापोती का खेल
अवैध निर्माण के खेल में अक्सर अधिकारी या इंजीनियर बच जाते हैं क्योंकि उनकी पहुंच शासन से लेकर प्राधिकरण तक होती है। इसलिए दोषी पाए जाने के बाद भी ऐसे अधिकारियों को बचा लिया जाता है। अधिक से अधिक निलंबन तक की ही कार्रवाई हो पाती है। प्राधिकरण के स्तर से प्रस्ताव भेजने में ही लीपापोती शुरू कर दी जाती है, जो शासन स्तर पर तक भी होती है। अधिकांश मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के साथ जरूरी कागजात भी नहीं भेजे जाते हैं। लिहाजा कार्रवाई की फाइल शासन से प्राधिकरण तक घूमती रहती है। इसमें ही कई वर्ष गुजर जाते हैं और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
‘ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर हीलाहवाली नहीं की जाती है। इतना जरूर होता है कि प्राधिकरणों के स्तर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजी जाने वाली संस्तुतियों के अपूर्ण होने की वजह से दंड निर्धारण में देरी होती है।’
– नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास एवं नियोजन
पांच उपाध्यक्ष तक पहुंची अग्निकांड की आंच
लेवाना सुइट्स अग्निकांड की आंच एलडीए के पांच पूर्व उपाध्यक्ष तक पहुंच गई है। इनमें एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। होटल का निर्माण साल 2017 से पहले हुआ है। इस दौरान सपा के खास अफसर सत्येंद्र सिंह दो बार उपाध्यक्ष रह चुकेे हैं। इसके बाद प्रभु एन सिंह, शिवाकांत द्विवेदी, अभिषेक प्रकाश, अक्षय त्रिपाठी उपाध्यक्ष रहे हैं। जबकि जोन छह में जोनल अधिकारी के रूप में तैनात रहने वालों में अधिशासी अभियंता अरुण कुमार सिंह एवं ओम प्रकाश मिश्रा भी रिटायर हो चुकेहैं। साल 2017 के बाद जहीरुददीन एवं कमलजीत सिंह जोनल अधिकारी रहे। वर्तमान में ओएसडी राजीव कुमार जोनल अधिकारी हैं।