प्रयागराज के मुट्ठीगंज में जर्जर मकान का छज्जा गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ जब बारिश से बचने के लिए लोग छज्जे के नीचे स्थित दुकानों में बैठे थे। हादसे में नौ लोग जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, हादसे में घायल नीरज
ने बताया कि मैं अपनी दुकान पर था। बारिश शुरू होते ही रोड पर खड़े कुछ लोग भागकर मेरी दुकान पर आ गए और बारिश थमने का इंतजार करने लगे। अचानक जोरदार धमाका हुआ। मानो बम फूटा हो। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही भारी चीज सिर पर गिरी और फिर आंखों के सामने अंधेरा छा गया। आंख खुली तो खुद को अस्पताल में पाया।
नीरज केशरवानी एसआरएन अस्पताल में जब यह बातें बता रहा था तो दर्द से कराहे जा रहा था। उसने जो आपबीती बयां की, उसे सुनकर आसपास मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।
बताया कि सिर पर भारी चीज गिरी तो लगा कि घर गिर गया। इसके बाद क्या हुआ, कुछ पता नहीं। शरीर में कई जगह चोट लगी थी और बेतहाशा दर्द हो रहा था। जिससे चीख भी नहीं निकल पा रही थी।
इतना बताते बताते उसकी आंखें भर आईं। नीरज के हाथ-पैर के साथ ही सिर और पीठ में गंभीर चोट आई है। जिस भवन का छज्जा गिरा, नीरज उसी में नीचे पान की दुकान चलाता है।
भगवान ने बचा लिया, बस
हटिया हादसे में जख्मी होकर एसआरएन पहुंचने वालों में नैनी का सूरज पाल भी शामिल था। उसने बताया कि वह अपने साथियों संग बकरा मंडी के पास बन रहे एक मकान में मजदूरी कर रहा था। लंच के बाद सब वापस काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी पानी बरसने लगा, जिस पर वह भी साथियों संग भागकर सामने स्थित पान की दुकान पर पहुंच गया। अचानक भरभराकर छज्जा सिर पर गिर पड़ा। जोरदार चोट लगने से वह बेसुध हो गया।
चीखने का भी नहीं मिला मौका
भीटा घूरपुर के अनीस के हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। उसने बताया, मैं चाय-नाश्ते की दुकान पर था। तभी अचानक जोरदार आवाज के साथ छज्जा नीचे आ गिरा। चीखने का भी मौका नहीं मिला। अगले पल में खुद को मलबे के नीचे दबा पाया। मेरे दाहिने हाथ में चोट पहुंची थी और दर्द के चलते इसे हिला पाना भी संभव नहीं था।