डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बीएड एचआई की छात्रा अंजलि यादव के सुसाइड के बाद शनिवार से शुरू हुआ बवाल थम नहीं रहा है। विश्विद्यालय में पैदा हुए हालात के बाद विश्वविद्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। पठन पाठन, प्रवेश आदि सभी कार्य स्थगित कर दिए गए हैं। छात्रों को हॉस्टल खाली करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
छात्रों का आरोप है कि आधी रात को शिक्षकों द्वारा उन्हें पीटा गया। सोमवार शाम से छात्रों ने विवि के दोनों गेट को बंदकर वीसी, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, कर्मचारियों को विवि में बंधक बना लिया गया था। इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. एसपी सिंह के साथ हुई मारपीट के बाद साइन डाई ((अनिश्चित काल के लिए बंद)) घोषित किया गया था। यह इस प्रकार की दूसरी घटना है।
उधर, पुलिस से वार्ता पर छात्रों ने 43 घंटे बाद मोहन रोड से जाम तो हटा दिया, लेकिन सोमवार शाम 4.30 बजे विवि के दोनों गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे कुलपति प्रो. राणा कृष्णपाल सिंह, रजिस्ट्रार अमित कुमार सिंह समेत कई अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी व कैंपस स्थित बैंक के कर्मचारी विवि में ही कैद हो गए। देर रात छात्रों की मान-मनौव्वल चलती रही।
सुसाइड की एसआईटी जांच कराने व संबंधित शिक्षक, कुलपति, रजिस्ट्रार आदि को हटाने की मांग पर छात्र रविवार को भी पूरी रात धरने पर डटे रहे और मोहन रोड जाम रही। पुलिस ने विवि प्रशासन की तहरीर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व छात्र शरद यादव को हिरासत में लिया। हालांकि, इसके बाद भी छात्र प्रदर्शन पर अड़े रहे। सोमवार शाम चार बजे एडीसीपी मनीषा सिंह ने छात्रों से वार्ता की और जाम की परेशानियों का हवाला देते हुए रास्ता खोलने की मांग की।
इस पर छात्रों ने मांगों पर कार्रवाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस जांच कर रही है और जो जिम्मेदार होगा, उस पर कार्रवाई होगी। छात्रों ने उन पर दर्ज एफआईआर व पूर्व छात्र शरद यादव को छोड़ने की मांग की। इसके बाद छात्रों ने रास्ता खोल दिया। हालांकि, विवि प्रशासन के खिलाफ छात्रों का गुस्सा नहीं कम हुआ और उन्होंने इसके तुरंत बाद दोनों गेटों पर ताला जड़कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे कुलपति समेत शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारी इसमें कैद हो गए। कुछ कर्मचारी दीवार फांदने लगे तो छात्रों ने उन्हें रोक दिया। हालांकि, महिलाओं व दिव्यांग कर्मचारियों को जाने दिया गया।
शिक्षक के खिलाफ तहरीर देकर लगाए गंभीर आरोप
छात्रों ने एडीसीपी को दी तहरीर में अंजलि के एक शिक्षक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की। लिखा कि परिणाम जारी होने के बाद शनिवार को व्हॉट्सएप मैसेज से उक्त शिक्षक ने अंजलि को बुलाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। इससे परेशान होकर उसने गलत कदम उठाया।
वीडियो बनाए जाने से नाराज थे छात्र
छात्रों ने रविवार रात को पुलिस प्रशासन व विवि अधिकारियों के वीडियो बनाए जाने पर नाराजगी जताई। दोपहर में विवि के एक अधिकारी वहां पहुंचे तो छात्रों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई और कहा कि यही वीडियो बना रहे थे। इस पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इससे पहले छात्रों ने सोमवार दोपहर नहर रोड की ओर के विवि के गेट पर ताला लगाया था। इसकी सूचना पर प्रॉक्टर प्रो. वीके सिंह ने ताला तुड़वाकर रास्ता खुलवाया। इससे छात्र नाराज हो गए और दोनों गेटों पर ताला जड़ दिया। शाम को रजिस्ट्रार अमित कुमार सिंह से वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त होता दिखा, लेकिन छात्र फिर डट गए। उधर, रास्ता जाम होने से लोगों को जंगल के बीच का रास्ता चुनना पड़ा।
भारतीय दिव्यांग यूनियन भी समर्थन में
दिव्यांग छात्रों के प्रताड़ित होने व आंदोलन करने होने की सूचना पर सोमवार को भारतीय दिव्यांग यूनियन के लोग जिलाध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में विवि पहुंचे और समर्थन दिया। लविवि व बीबीएयू से भी छात्रों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा और समर्थन दिया।
मौत मामले की जांच करेंगे सपाई
छात्रा अंजलि की मौत के मामले की सपा प्रतिनिधिमंडल भी जांच करेगा। इसकी जानकारी जुटाने के लिए यह छह सितंबर को विवि आएगा। इसमें विधान मंडल दल के सचेतक डॉ. मनोज कुमार पांडेय, पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा, विधायक अरमान खान, महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित शामिल रहेंगे। सात सितंबर को प्रतिनिधिमंडल महराजगंज जाएगा और प्रधानाध्यापक शिव कुमार विश्वकर्मा के आत्महत्या मामले की जानकारी लेगा।
छात्रों से वार्ता कर रास्ता खुलवाया गया है। उनके प्रत्यावेदन की साइबर जांच कराकर उचित कार्रवाई करेंगे।
– मनीषा सिंह, एडीसीपी
छात्रों के आंदोलन को कुछ बाहरी बढ़ा रहे हैं। इसमें वे भी शामिल हैं, जिनसे विवि अपनी जमीन खाली करवा रहा है। छात्रों की हर जायज मांग पर विवि ने कार्रवाई की है।
– अमित कुमार सिंह, रजिस्ट्रार, पुनर्वास विवि