रमेश झा महिला महाविद्यालय मे शिक्षक दिवस के अवसर पर सोमवार को भारत के महान दार्शनिक पूर्व राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधान पार्षद डॉ.अजय कुमार सिंह ने अपना सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि गुरू या शिक्षक का स्थान भगवान से भी उपर है।पूर्व के शिक्षक और शिक्षा दोनो ही प्रशंसनीय है।आज दोनो स्तर पर काफी ह्रास हुआ है।शिक्षा तो स्वयं जीवन है।आज शिक्षा मे बिहार पिछड़ रहा है।ये मिलकर सोचने और चिंतन करने का विषय है।छात्राओं के लिए संघर्ष बहुत महत्वपूर्ण है।छात्राओं को मोबाइल से बाहर आकर पुस्तकों से दोस्ती बढाना चाहिए।साथ ही छात्राओं को अपने पाठ्यक्रम की ओर लौटना होगा।आज भारत शिक्षा के क्षेत्र मे प्रयोगशाला बन गया है।लेकिन अंततः हमे गुरू शिष्य परम्परा की ओर लौटना होगा।हमे नई पीढ़ी के लोगो को देश के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पाठ पढाना होगा।बिहार के विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को फिर से सुगठित करने की जरूरत है।हमे अपने शिक्षण पद्धति का मूल्यांकन करना होगा।महाविद्यालय के प्राचार्य राजीव सिन्हा ने अपने वक्तव्य मे कहा कि राधाकृष्णन देश और समाज दोनो के प्रति सजग थे।
उन्होने शिक्षा के क्षेत्र मे हम भारतीय को नई प्रेरणादायक आदर्श स्थापित की।डाॅ बाल गोविंद सिंह ने डॉ राधाकृष्णन की जीवन वृत पर प्रकाश डाला।वही डाॅ आरती ने कालेज के प्रगति कार्यो का वर्णन किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रत्यक्षा राय एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ अंजना पाठक ने किया।इस अवसर पर प्रो.के.एम. ठाकुर, डॉ अभय कुमार सहित अन्य मौजूद थे।