परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा का अलख जगाने वाले शिक्षकों को बधाई दी और पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डा. राधाकृष्णन ने भारतीय शिक्षा जगत को एक नयी दिशा प्रदान की। उनका आदर्श जीवन और व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने युवाओं से कहा कि इंटरनेट के साथ इनरनेट से भी जुड़ें। गुरु हमें इनरनेट से जोड़कर श्रेष्ठ जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हमारे भविष्य को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश में शिक्षा के श्रेष्ठतर स्तर को बनाये रखने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है परन्तु इसे भविष्य में भी बनाये रखने के लिये बेहतर विकल्पों को तलाशने की जरूरत हैं क्योंकि भारत का हर बच्चा न केवल एक बेहतर शिक्षा व्यवस्था का बल्कि एक बेहतर भविष्य का भी अधिकारी है।
स्वामी ने कहा कि शिक्षक हमारी जीविका का ही नहीं बल्कि जीवन का निर्माण करते हैं, छात्रों में श्रेष्ठ सोच के साथ ही जीवन को आकार देने हेतु शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों का योगदान शैक्षणिक संस्थानों तक ही नहीं है बल्कि भारत के भावी भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि वे हमारी आने वाली पीढ़ियों का श्रेष्ठ विचारों से पोषण करते हैं, उन्हें जिम्मेदार नागरिक और भावी राष्ट्रनिर्माता बनने में सहायता करते हैं।
स्वामी चिदानन्द ने कहा कि शिक्षक, किसी भी राष्ट्र के विकास में नींव के पत्थर की तरह योगदान देते हैं। देश की समृद्धि और मजबूत लोकतंत्र की नींव रखने के लिये शिक्षक पिलर का भूमिका निभाते हैं। आइए हम उन सभी शिक्षकों के योगदान का सम्मान करें जिन्होंने छात्रों के माध्यम से राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और एक अमिट छाप छोड़ी है।