अपने नाम में धार्मिक शब्दों और प्रतीकों का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने 18 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका वसीम रिजवी ने दायर की है।
याचिकाकर्ता के वकील गौरव भाटिया ने याचिका में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, हिंदू एकता दल जैसी पार्टियों का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा कि बोम्मई केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता बुनियादी चीज है।
सुनवाई के दौरान भाटिया ने कहा कि कोई राजनीतिक दल अगर धार्मिक नाम पर वोट मांगता है तो वह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाने की अनुमति दी।