प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव एक नया मोर्चा खड़ा करने की तैयारी में दिख रहे हैं। उन्होंने राजधानी में गुरुवार को उपेक्षित लोगों को एक साथ लाकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। वह यदुवंशियों को जोड़ने की बात भी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि शिवपाल की यह रणनीति समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को परेशानी में डाल सकती है। संभव है कि 2024 का लोकसभा चुनाव चाचा शिवपाल और भतीजा अखिलेश यादव की पार्टी आमने-सामने लड़े।
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पार्टी अब प्रदेश में उपेक्षित लोगों को साथ लाकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम यदुकुल पुनर्जागरण मिशन के तहत एकजुट हुए हैं। आज समाज में अगड़े-पिछड़े सभी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि संगठन किसी की खिलाफत के लिए नहीं बना है। अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग करेंगे। पार्टी को मजबूत करने के लिए बूथ से लेकर प्रदेश कार्यकारणी गठित करेंगे।
उप्र में नए मोर्चे की सुगबुगाहट
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल के साथ मंच पर भरत गांधी, डीपी यादव सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। इन सभी ने मंच से हाथ उठाकर एक साथ आने का संदेश दिया। इन सभी ने सामाजिक एकजुटता के बहाने सियासी ताकत बढ़ाने पर जोर दिया। इनके इस कदम ने उप्र की राजनीति में अलग मोर्चे की सुगबुगाहट को हवा दे दी है। ऐसे में एक बार फिर चाचा शिवपाल के दांव ने भतीजे अखिलेश यादव व समाजवादी पार्टी के प्रमुख की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में अखिलेश के लिए मिशन 2024 की राह आसान न होगी।