कृवि में युवा शोधकर्ताओं की क्षमता निर्माण विषय पर कार्यशाला संपन्न
हिसार, 29 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वे एनीमिया की समस्या का समाधान खोजें। उन्होंने कहा कि एनीमिया एक गंभीर समस्या है, जिसका निदान अत्यंत जरूरी है। वे सोमवार को एचएयू के खाद्य एवं पोषण विभाग में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), नई दिल्ली की सहभागिता से पोषण अनुसंधान करने के लिए युवा शोधकर्ताओं की क्षमता निर्माण विषय पर कार्यशाला के समापन अवसर पर संबोधन दे रहे थे।
दो दिवसीय इस कार्यशाला में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) और लाला लाजपतराय विश्वविद्यालय (लुवास) के लगभग 50 स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कुलपति ने कार्यशाला के आयोजन के लिए खाद्य एवं पोषण विभाग द्वारा की गई पहल की सराहना की और प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। कुलपति ने कहा कि खाद्य एवं पोषण विभाग सामुदायिक पोषण के क्षेत्र में बहुत उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। विभाग को डायटेटिक्स के क्षेत्र में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए प्रयास करने चाहिए। यह नई शिक्षा नीति की जरूरत भी है और समाज के लिए फायदेमंद भी। उन्होंने हरियाणा में एनीमिया की समस्या पर भी चर्चा की और इसका समाधान खोजे जाने पर बल दिया। उन्होंने प्रयोगशाला अनुसंधान और सामुदायिक पोषण शिक्षा दोनों को सुदृढ़ करने का आह्वान किया और प्रतिभागियों को खाद्य एवं पोषण में गहन अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया।
खाद्य एवं पोषण विभाग की अध्यक्ष डॉ. संगीता सी. सिंधु ने बताया कि कार्यशाला के दौरान आईसीएमआर के पूर्व एडीजी डॉ. जीके तोतेजा और आईसीएमआर के पोषण विंग के वैज्ञानिक डॉ. भारती कुलकर्णी, डॉ. प्रियंका बंसल और डॉ. जियान गोनमेई मुख्य वक्ता रहे। इस अवसर पर गृह विज्ञान महाविद्यालय की छात्राओं ने रक्ताल्पता को मिटाने के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए एक नाटक प्रस्तुत किया। नाटक का निर्देशन डॉ. उर्वशी ने किया जबकि मंच का संचालन डॉ. ज्योति सिहाग ने किया। समापन समारोह में सभी कॉलेजों के डीन, डायरेक्टर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।