इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी बात से मुकर नहीं सकती। सरकार ने कोर्ट में कहा कि ग्राम विकास अधिकारी पद के लिए ट्रिपल सी प्रमाणपत्र अनिवार्य अर्हता नहीं है, तो फिर चयनित अभ्यर्थी को इस आधार पर नियुक्ति देने से इनकार नहीं किया जा सकता है कि याची ट्रिपल सी योग्यता नहीं रखती।
कोर्ट ने आयुक्त ग्राम विकास विभाग की ओर से याची की नियुक्ति की मांग अस्वीकार करने को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया और दो हफ्ते में याची की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं याची के पक्ष में कोर्ट का फैसला होने के बाद भी नियुक्ति न करने पर दोबारा हाईकोर्ट आने को विवश करने के लिए 10 हजार रुपये हर्जाना भी लगाया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सोनभद्र की खुशबू कुमारी गुप्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची का तर्क था कि सरकार के यह मानने के बाद कि ट्रिपल सी अनिवार्य अर्हता नहीं है, कोर्ट ने याची की नियुक्ति का आदेश दिया है। सरकार ने आदेश वापस लेने की अर्जी दी जिसे दिग्भ्रमित मानते हुए खारिज कर दिया गया। अंतिम आदेश को सरकार ने चुनौती नहीं दी है। कोर्ट ने यह कहते हुए कि सरकार अपनी बात से मुकर नहीं सकती,नियुक्ति का आदेश दिया है।