थाइलैंड में एक बार फिर राजनीतिक संकट के आसार नजर आ रहे हैं। थाइलैंड की शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा को निलंबित कर दिया है। अदालत ने प्रधानमंत्री के आठ साल के कार्यकाल की समीक्षा का आदेश भी जारी किया है।
थाईलैंड में पिछले बीस सालों में कई बार राजनीतिक संकट की स्थितियां पैदा हो चुकी हैं। बीस वर्षों में थाईलैंड दो बार तख्तापलट भी झेल चुका है। यहां हिंसक विरोध की घटनाएं भी हुई हैं। देश में अगले साल मई तक आम चुनाव होने हैं, इससे पहले ही प्रयुथ के खिलाफ अदालत का यह फैसला आ गया है। पूर्व सेना प्रमुख प्रयुथ ने निर्वाचित सरकार के खिलाफ बगावत करते हुए 2014 में सत्ता संभाली थी। इसके बाद 2019 में तत्कालीन सैन्य सरकार द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप के अनुसार चुनाव हुए थे।
थाईलैंड की मुख्य विपक्षी पार्टी ने संवैधानिक अदालत में प्रधानमंत्री के अनिवार्य आठ साल के कार्यकाल की सीमा की समीक्षा के लिए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री प्रयुथ को इस माह के अंत अपना पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि जुंटा प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल मौजूदा कार्यकाल में जोड़ा जाना चाहिए।
अदालत ने यह तो स्पष्ट नहीं किया कि विपक्षी दल की याचिका पर अंतिम फैसला कब सुनाएगी, किन्तु फिलहाल प्रधानमंत्री के निलंबन का आदेश दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री के आठ साल के कार्यकाल की समीक्षा की बात भी कही है। माना जा रहा है कि प्रयुथ के स्थान पर उपप्रधानमंत्री प्रवित वोंगसुवान अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाल सकते हैं।