राजस्थान के कोटा बैराज से पानी की निकासी और चंबल नदी के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बरसात के बाद धौलपुर में चंबल नदी उफान पर है। बुधवार सुबह चंबल नदी का जलस्तर 142 मीटर को पार गया, जो खतरे के निशान से करीब 12 मीटर अधिक है। चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के करीब 80 गांवों पर बाढ़ का संकट है। जिले में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए जिला प्रशासन के साथ में सेना एवं एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है।
चंबल नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के बाद में धौलपुर का एकमात्र मुक्तिधाम पानी में डूब गया है। चंबल नदी का पुराना सड़क पुल भी पानी में डूब गया है। राहत की बात यह है कि आगरा मुंबई नेशनल हाईवे पर चंबल नदी पर बना नया सड़क पुल अभी सुरक्षित है तथा यातायात सामान्य बना हुआ है। राजस्थान के हाडौती एवं कोटा अंचल सहित समीपवर्ती मध्यप्रदेश में हो रही बरसात के बाद प्रदेश के गांधी सागर एवं कोटा बैराज से पानी की निकासी की जा रही है। इससे धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 142 मीटर तक जा पहुंचा है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है तथा बाढ़ से प्रभावित करीब 80 गांवों में राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं।
डीएम अनिल कुमार अग्रवाल, भरतपुर रेंज के आईजी गौरव श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह एवं राजाखेडा विधायक रोहित बौहरा बुधवार को राजाखेडा पहुंचे तथा महदपुरा इलाके में सेना के राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। जिले के सरमथुरा, दिहौली, राजाखेडा एवं बाडी में बाढ़ का प्रभाव ज्यादा है। डीएम अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को पानी, भोजन पैकेट एवं आवश्यक दवायें उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
सेना ने संभाला मोर्चा, ड्रोन से निगरानी
कोटा के बैराज से पानी की निकासी के बाद में धौलपुर जिले में चंबल नदी के उफान पर आने से जिले के कई इलाकों में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। जिले के राजाखेडा इलाके में बुधवार सुबह सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। मथुरा से मेजर मोहित ढांढा की अगुवाई में राजाखेडा पहुंची सेना की 70 सदस्यीय टीम ने तीन नावों के साथ में राजाखेडा के महदपुरा इलाके में राहत एवं बचाव कार्य का मोर्चा संभाल रखा है। सेना की टीम नावों से ग्रामीणों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रही है। इलाके में ड्रोन की मदद से भी निगरानी की जा रही है।
धौलपुर में चंबल के पानी में डूबा मुक्तिधाम
चंबल के पानी में मुक्तिधाम परिसर में अंतिम संस्कार का मुख्य चबूतरा तथा गोदाम एवं विश्राम कक्ष जलमग्न हो गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आज सुबह अंतिम संस्कार के बाद अस्थि लेने गए लोगों को हुई। चंबल का पानी अपने साथ में बीती रात हुए अंतिम संस्कार की राख एवं अस्थियों को अपने साथ बहाकर ले गया। मुक्तिधाम के पानी में डूबने के कारण बाहर सड़क पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतन चौहान ने बताया कि जिले के धौलपुर, राजखेडा, दिहौली, बाडी एवं सरमथुरा में एसडीआरएफ की पांच कंपनियां तैनात हैं। इनमें भरतपुर की सी कंपनी कमांडर हरीसिंह एवं प्लाटून कमांडर खजान सिंह की अगुवाई में बोट के जरिए लोगों को जलभराव के क्षेत्र से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। इसके साथ ही जयपुर से आई एसडीआरएफ की टीम भी राहत और बचाव कार्य में लगी है।