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गंगा-यमुना की रफ्तार कम होने से मिली कुछ राहत लेकिन खतरा बरकरार, दो दिन बाद बिगड़ सकती है स्थिति

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Prayagraj News :  प्रयागराज में बाढ़ से बढ़ी परेशानी।

गंगा और यमुना के जलस्तर में  रविवार की सुबह  से ही पानी कम हो रहा है। रविवार रात आठ बजे  से सोमवार रात आठ बजे तक  फाफामऊ में  51 सेंटीमीटर तो वहीं यमुना नैनी का जलस्तर 49 सेमी  कम  हुआ।

गंगा और यमुना के जलस्तर में तकरीबन आधा मीटर की कमी दर्ज होने से बाढ़ प्रभावित  मोहल्लों  में रहने वाले लोगों को थोड़ी राहत  भले  ही मिली हो लेकिन अभी खतरा बरकरार है। दोनों ही नदियों में पीछे  से पानी छोड़े जाने की वजह से सोमवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया। इस बीच जिन मोहल्लों पानी घटा वहां अब गंदगी ने अपने पांव पसार लिए है।

गंगा और यमुना के जलस्तर में  रविवार की सुबह  से ही पानी कम हो रहा है। रविवार रात आठ बजे  से सोमवार रात आठ बजे तक  फाफामऊ में  51 सेंटीमीटर तो वहीं यमुना नैनी का जलस्तर 49 सेमी  कम  हुआ। पानी घटने का क्रम सोमवार की शाम तक जारी रहा, लेकिन रात आठ बजते-बजते गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया, जबकि यमुना में भी पानी घटने की रफ्तार धीमी हो गई।

 

Prayagraj News :  प्रयागराज में बाढ़ से बढ़ी परेशानी।
रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा 82.07, छतनाग में 81.22 और नैनी में यमुना का जलस्तर 81.81 रहा। उधर बताया जा रहा है कोटा से छोड़ा गया पांच लाख क्यूसेक  पानी यहां एक- दो दिन में पहुंच सकता है। वहीं  गंगा में भी छोड़ा जा रहा पानी सोमवार की देर रात प्रयागराज पहुंच सकता है। इसे लेकर बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। सिंचाई विभाग का कहना है कि प्रयागराज से पानी अब धीमी गति से खिसक रहा है। क्योंकि गंगा में बलिया तक पानी लबालब है।

Prayagraj News :  प्रयागराज में बाढ़ से बढ़ी परेशानी।
नदियों का जलस्तर कम होने के बाद इलाकों गंदगी का अंबार
बीते 24 घंटे में तकरीबन आधा मीटर पानी कम  होने की  वजह से गंगा-यमुना में बाढ़ के साथ बहकर आई गंदगी ने तटीय इलाकों में रहने वालों की परेशानी बढ़ा दी है। तेज दुर्गंध ने वहां रहने वालों का जीना मुहाल कर दिया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम दवाओं का छिड़काव करवा रहा है, लेकिन उसका दायरा सीमित है। छोटा बघाड़ा, बेली, दारागंज  आदि इलाकों में आया पानी कुछ मीटर पीछे चले  जाने के बाद वहां अब  गंदगी का अंबार लग गया है।

Prayagraj News : लेटे हनुमान मंदिर के पास भरा बाढ़ का पानी।
गंदगी के कारण इन इलाकों में मच्छर, मक्खियों की भरमार हो गई है। यही स्थिति करेली स्थित गौस नगर आदि इलाके  की भी है। वहींलोगों को  इस बात का  भी डर है  कि पानी एक बार कहीं फिर से न बढ़ जाए। इस वजह से तमाम लोगों ने  घरों के प्रथम  तल या छत  पर ही पनाह ले रखी है। छोटा बघाड़ा के विजय द्विवेदी ने बताया कि आज पानी कुछ घटा तो है लेकिन बताया यही जा रहा है कि अभी पीछे पानी और आ रहा है।

Prayagraj News :  बड़े हनुमान मंदिर परिसर में भरा बाढ़ का पानी।
बाढ़ राहत शिविर में कुल दो परिवार
प्रयागराज में बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा दस राहत  शिविर बनाए  गए हैं। लेकिन अभी एनी बेसेंट स्थित शिविर में दो  ही परिवार ने शरण ले  रखी है। इसमें एक दूधमुंहा बच्चा भी है। उधर कछारी इलाके में पानी घटने के बाद कुछ लोग वापस अपने घरों में सोमवार को पहुंच

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