सांसद अफजाल अंसारी ने कहा मनमाने तरीके से कुर्की की कार्रवाई अवैध है और इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हमें न्याय पालिका पर भरोसा है और वहां…
सांसद अफजाल अंसारी ने कहा मनमाने तरीके से कुर्की की कार्रवाई अवैध है और इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हमें न्याय पालिका पर भरोसा है और वहां हमारे साथ न्याय होगा। अफजाल ने कहा कि हम गलत नहीं है और जमीन की हर इंच का हिसाब साफ है। मेहनत और पैतृक संपत्तियों को भी सरकार अवैध धन से अर्जित बताकर दवाब बना रही है लेकिन अंसारी परिवार झुकेगा नहीं। सांसद ने आरोप लगाया कि षडयंत्र रचकर बिना आधार 15 साल पुराने मामले में ताबड़तोड़ कुर्की की जा रही है। भाजपा के दबाव में कानून, नियम और संविधान को ताक पर रखकर पुलिस और प्रशासन मनमानी पर उतारू है। सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार और 2022 में गाजीपुर से सूपड़ा साफ होने के बाद भाजपा सरकार बौखला गई है। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए बुलडोजर और कुर्की का डर दिखा रही है। 2005 में कृष्णानंद राय की हत्याकांड में सीबीआई ने जांच में शामिल किया और 2007 में पुलिस ने गैंगस्टर लगा दिया। इसमें 2009 में आरोप पत्र भी दाखिल हो गया। कृष्णानंद राय हत्याकांड में बरी होने के बाद गैंगस्टर के मुकदमे का आधार ही समाप्त हो गया। उनकी संपत्ति में किसी भी तरह का गलत मद का धन या रजिस्ट्री कराने में असंवैधानिक तरीका नहीं अपनाया गया।
मनी लांड्रिंग में ईडी कर रही जांच, तलाशी के साथ कर चुकी पूछताछ
गाजीपुर। ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में दर्ज मुकदमे में माफिया मुख्तार अंसारी, उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी समेत कई अन्य को आरोपी बनाया है। जिसमें भ्रष्टाचार और विधायक निधि से गबन और आय से अधिक संपत्ति को लेकर दर्ज मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने केस दर्ज किया है। इसी मामले में सांसद अफजाल अंसारी को नौ मई को ईडी की प्रयागराज यूनिट की जांच टीम ने तलब किया था। जहां टीम ने 10 घंटे से अधिक समय तक अफजाल से पूछताछ की और बयान दर्ज किया। इसके अलावा 18 अगस्त को ईडी ने गाजीपुर में दर्जी मुहल्ले स्थित आवास फाटक पर तलाशी ली और पूछताछ की। यह कार्रवाई भी 14 घंटे चली जिसके बाद ईडी इलाहाबाद लौटी।
बताया गया कि माफिया मुख्तार अंसारी पर ईडी ने एक जुलाई 2021 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। आरोप है कि मुख्तार ने एक सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया और फिर उसे सात साल के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से एक प्राइवेट कंपनी को किराए पर दे दिया। इस कंपनी से उनके भाइयों और बेटे का भी संबंध खंगाला जा रहा है। परिवार, रिश्तेदार और करीबियों की राजधानी में संपत्तियां बैंक खातों समेत व्यापारिक कनेक्शन पर भी नजर है।
आशा खबर / शिखा यादव