अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के हस्तक्षेप के बावजूद बृहस्पतिवार को भी स्वामी अमर गिरि को बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी नहीं मिल सकी। इस बीच बाघंबरी गद्दी मठ के महंत बलवीर गिरि और स्वामी अमर गिरि के बीच एक रहने का संदेश देकर परिषद के अध्यक्ष काशी रवाना हो गए। महंत नरेंद्र गिरि की मौत का केस वापस लेने संबंधी हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल किए जाने के बाद से ही दोनों संतों के बीच विवाद पैदा हुआ है।
केस वापसी के हलफनामे के बाद ही महंत बलवीर गिरि ने न सिर्फ अमर गिरि से बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की जिम्मेदारी छीन ली थी, बल्कि महंत की मौत की घटना के दूसरे सूचनादाता पवन महाराज को मठ से निष्कासित कर दिया था। महंत बलवीर गिरि केस वापसी के हलफनामे से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि इस हलफनामे से बड़े महाराज की मौत का केस कमजोर हो जाएगा।
उनकी जगह दीपक पुजारी ही मंदिर के राग-भोग, पूजा, आरती की व्यवस्था करने के अलावा दान की रसीदों को रजिस्टर पर चढ़ाते रहे। बृहस्पतिवार को भी स्थिति जस की तस रही। इस दिन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष काशी के लिए रवाना हो गए, लेकिन अमर गिरि को हनुमान मंदिर की व्यवस्था नहीं सौंपी गई। इस दिन भी मंदिर की व्यवस्था दीपक पुजारी के ही हाथ रही। इस संबंध में महंत बलवीर गिरि का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी।
मुझे अभी तक बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था की जिम्मेदारी नहीं मिली है। फिर भी उम्मीद करता हूं कि धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा। – स्वामी अमर गिरि।