पोप फ्रांसिस ने कनाडाई कार्डिनल मार्क ओउलेट पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण की चर्च की तरफ से जांच शुरू नहीं करने का फैसला किया है। वेटिकन की तरफ से जारी बयान में गुरुवार को यह जानकारी दी गई।
वेटिकन के प्रमुख अधिकारी रहे ओउलेट को इस सप्ताह की शुरुआत में यौन् उत्पीड़न मामले में क्यूबेक कैथोलिक सूबा के खिलाफ एक मुकदमे में नामित किया गया था।
क्यूबेक सुपीरियर कोर्ट में दाखिल एक मुकदमे में एक गुमनाम शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ओउलेट ने उसे अनुचित तरीके से छुआ और ऐसी टिप्पणियां कीं जिससे 2008 और 2010 के बीच वह असहज महसूस कर रही थी। ओउलेट जब क्यूबेक आर्कबिशप थे तब वह अपने 20 के दशक में इंटर्न के रूप में काम कर रही थी।
वेटिकन को वर्ष 2021 में आरोपों के बारे में बताया गया था और फ्रांसिस ने मामले को देखने के लिए एक पुजारी अन्वेषक, जैक्स सर्वैस को नियुक्त किया था। वेटिकन ने कहा कि सर्वैस ने पूरी जांच के बाद चर्च की तरफ से जांच शुरू नहीं करने के खिलाफ सलाह दी।
वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रुनिसाइड ने एक बयान में कहा कि इस अन्य लोगों से परामर्श के बाद पोप फ्रांसिस ने घोषणा की कि कार्डिनल ओउलेट द्वारा यौन उत्पीड़न के लिए चर्च की तरफ से जांच खोलने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल