शिव संग्राम संगठन के संस्थापक पूर्व विधायक विनायक मेटे के आकस्मिक निधन पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि शिव संग्राम संगठन के अध्यक्ष विनायक मेटे की आकस्मिक मौत की खबर बेहद चौंकाने वाली है। उनका सामाजिक कार्य के साथ-साथ समाज के वंचित वर्गों के विकास में योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि मराठा आरक्षण के साथ-साथ सामाजिक आंदोलन ने अपनी बुलंद आवाज और साहसी नेतृत्व को खो दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, मैंने आज मुंबई में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई। मेटे को उस बैठक में शामिल होना था। इस मुलाकात से पहले ही वक्त ने उन्हें हमसे दूर कर दिया। उनका निधन मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वह अरब सागर में शिव स्मारक और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भावुक होकर बोलते थे। उन्होंने इस स्मारक के काम के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और सुरक्षित धन जुटाने के लिए लगातार अनुसरण किया।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विनायकराव मेटे की आकस्मिक मृत्यु की खबर बहुत दुखद और चौंकाने वाली है। आज सुबह सूचना मिलने पर जब वे अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया के सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हुई। विनायकराव मेटे ने बहुत संघर्ष और गरीबी में रहकर अपने जीवन का निर्माण किया था। सामाजिक कार्यों में खुद को समर्पित करते हुए पिछड़े क्षेत्रों का विकास और मराठा समुदाय का कल्याण के लिए संघर्ष किया।