जम्मू-कश्मीर सरकार ने चार कर्मचारियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने का आदेश दिया है। इन कर्मचारियों की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की नजर थी।
सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने सभी तथ्यों की जांच तथा कई संदिग्ध दस्तावेजों की बरामदगी के बाद डॉ. मुहीत अहमद भट, वैज्ञानिक-डी, कंप्यूटर विज्ञान के स्नातकोत्तर विभाग, कश्मीर विश्वविद्यालय पुत्र गुलाम रसूल भट, माजिद हुसैन कादरी वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर प्रबंधन अध्ययन विभाग कश्मीर विश्वविद्यालय पुत्र खुर्शीद अहमद कादरी, सैयद अब्दुल मुईद प्रबंधक आईटी, जेकेईडीआई पुत्र सैयद मोहम्मद यूसुफ और असबाह-उल-अर्जमंद खान जेकेएएस डीपीओ, प्रचार, ग्रामीण विकास निदेशालय, कश्मीर पत्नी फारूक अहमद डार (उर्फ बिट्टा कराटे) को बर्खास्त करने आदेश दिए हैं।
जांच में डॉ. मुहीत अहमद भट को पाकिस्तान और उसके प्रतिनिधियों के कार्यक्रम और एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों को कट्टरपंथी बनाकर कश्मीर विश्वविद्यालय में अलगाववादी-आतंकवादी एजेंडे के प्रचार में शामिल पाया गया है। कश्मीर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी का लश्कर-ए-तैयबा समेत आतंकी संगठनों से पुराना नाता है। उस पर पहले सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और आतंकवाद से संबंधित विभिन्न मामलों से संबंधित धारा 302, 307, और 427, 7/27 आरपीसी के तहत कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
सैयद अब्दुल मुईद प्रबंधक आईटी, जेकेईडीआई को पंपोर के सेम्पोरा में जेकेईडीआई परिसर पर तीन आतंकवादी हमलों में भूमिका निभाते हुए पाया गया है और संस्थान में उनकी उपस्थिति ने अलगाववादी ताकतों के साथ सहानुभूति बढ़ा दी है।
असबाह-उल-अर्जमंद खान को पासपोर्ट मांगने के लिए झूठी सूचना प्रदान करने में शामिल पाया गया है। उसके विदेशी लोगों के साथ संबंध पाए गए हैं जिन्हें आईएसआई के पैरोल पर होने के लिए भारतीय सुरक्षा और खुफिया द्वारा अनुक्रमित किया गया है। जम्मू और कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए धन की खेप लाने में उसकी संलिप्तता भी बताई गई है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल