विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि कोर्स के आधार पर 15 से 20 फीसदी तक ही फीस रिवाइज की गई है। हालांकि, यही फीस स्ववित्तपोषित में और ज्यादा बढ़ी है। वर्तमान में विवि में करीब 3700 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या लगभग चार हजार है।
विवि प्रशासन के अनुसार पाठ्यक्रमों के ठीक ढंग से चलाने व संसाधनों को बेहतर करने के लिए फीस रिवाइज करना जरूरी था। क्योंकि, शासन से बहुत सीमित ग्रांट मिल रही है। छात्रों व शिक्षकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हमने ज्यादा यूजर चार्ज ही बढ़ाया है। फीस के मूल में वृद्धि नहीं की है। वर्तमान विद्यार्थियों पर इसका का कोई असर नहीं पड़ेगा। दूसरी तरफ इस वृद्धि से विवि में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या पर भी असर पड़ सकता है।
सालाना फीस पहले और अब
– बीए (उर्दू, अरेबिक, पर्शियन, संस्कृत, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र)- 7775- 12,050 रुपये।
– बीए होम साइंस, भूगोल, शिक्षा, शारीरिक शिक्षा- 8775- 13,050 रुपये।
– बीकॉम 10245- 10,650 रुपये।
– बीबीए 15275- 17,650 रुपये।
– बीएजेएमसी 16275- 21,550 रुपये।
– बीसीए 16275- 21,550 रुपये।
पीएचडी और बीटेक में सर्वाधिक वृद्धि
विवि प्रशासन भले ही यह दावा करे कि उसने मात्र 10 से 15 फीसदी तक ही फीस वृद्धि की है, लेकिन सच्चाई यह है कि कई कोर्सों में यह 30 फीसदी तो कुछ एक जगह पर दोगुना से ज्यादा हुई है। विवि में बीटेक की फीस 69,000 रुपये सालाना थी जो अब बढ़कर 86,400 हो गई है। इसी तरह पीएचडी की फीस 14,160 से बढ़ाकर 47,500 रुपये सालाना कर दी गई है।
ज्यादातर यूजर चार्ज ही बढ़ाया
हमने अधिकतर जगह पर यूजर चार्ज ही बढ़ाया है। इंजीनियरिंग में करीब 10 हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे। हाल में शासन ने परीक्षा शुल्क कम कर दिया है। उससे भी हमारी फीस कम हुई है। ओवरआल विवि की फीस प्रदेश के अन्य राज्य विश्वविद्यालयों की तुलना में कम है।
आशा खबर / शिखा यादव