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मशरूम की प्रजाति के अनुसार बदल जाती है पोषक तत्वों की मात्रा

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प्रतिकात्मक फोटो

विभिन्न रोगों के लिए भी विशेष मशरूम खाने की दी जाती है सलाह

औषधीय एवं पौष्टिकता से भरूपुर मशरूम को लोग स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से सब्जियों में बहुत प्रयोग करते हैं, लेकिन मशरूम की वह कौन सी प्रजाति है, यह जानने का प्रयास नहीं करते। हकीकत यह है कि मशरूम की विभिन्न प्रजातियों में भिन्न-भिन्न पौष्टिक तत्वों की मात्रा होती है। यदि आपको प्रोटीन की ज्यादा जरूरत है तो धान-पुआल मशरूम का प्रयोग करें। वहीं कार्बोहाइड्रेट सबसे ज्यादा ब्लैक इयर मशरूम में मिलता है।

मशरूम एक पूर्ण स्वास्थ्यवर्धक है, जो सभी लोगों बच्चों से लेकर वृद्ध तक के लिए अनुकूल है। इसमे प्रोटीन, रेशा, विटामिन तथा खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। ताजे मशरूम में 80-90 प्रतिशत पानी होता है तथा प्रोटीन की मात्रा 12- 35 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 26-82 प्रतिशत एवं रेशा 8-10 प्रतिशत होता है। मशरूम में पाये जाने वाला रेशा पाचक होता है।

मशरूम में पाये जाने वाले तत्वों के बारे में वनष्पति विज्ञान के डाक्टर मंजित सिंह का कहना है कि सुखे हुए मशरूम में धान-पुआल मशरूम में सबसे अधिक प्रति 100 ग्राम में प्रोटीन 37.50 मिग्रा, श्वेत बटन मशरूम में 33.48 मिग्रा, प्लूरोटस सजोर में 19.23 मिग्रा, प्लूरोटस ओस्ट्रीएटस में 30.40 मिग्रा, शिटाके मशरूम में 32.93 मिग्रा, ब्लैक इयर मशरूम में 4.20 मिग्रा प्रोटीन पाया जाता है। वहीं दूसरे तत्वों को देखें तो श्वेत बटन में रेशा 20.90, कार्बोहाइड्रेट, 46.17, वसर 3.10, खनिज 5.70 व ऊर्जा 499 कैलोरी मिलती है। प्लूरोटस में रेशा 48.60, कार्बोहाइड्रेट 63.40, वसर 2.70, खनीज 6.32, ऊर्जा 412 कैलोरी मिलती है। ओस्ट्रीएटस में रेशा 8.70, कार्बोहाड्रेट, 57.60, वसा, 2.20, खनीज 9.80 व ऊर्जा 265 कैलोरी मिलती है।

इसी तरह से कुछ मशरूम विशेष रोग में विशेष काम आते हैं। जैसे गैनोडरमा लुसीडियम में गैनोडेरिक एसिड बीटा ग्लूकान विशेष रूप से पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाने में विशेष काम करता है। शिटाके मशरूम में इरिटाडेनाइन लेन्टीनन पाया जाता है, जिसमें कैंसर रोधी गुण विशेष रूप से पाया जाता है। यह कोलेस्ट्राल को कम करता है। श्वेत बटन मशरूम में लेक्टिनस नामक तत्व पाया जाता है, जो इन्सुलिन के स्त्राव को बढाता है। करेडिसेव्स साइनेनसिंस में कोरडिसिपिन विशेष रूप से पाया जाता है, जो फेफड़े के संक्रमण को ठीक करता है। तनाव को कम करता है। कोशिकाओं को स्वस्थ्य रखता है।

आशा खबर / शिखा यादव 

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