राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसे कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बड़ी साजिश बताते हुए सरकार से पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
केंद्र सरकार ने बिजलीघरों के लिए आयातित कोयले की खरीद का मामला राज्यों पर छोड़ दिया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पूर्व में जारी अपने आदेश में संशोधन करते हुए आयातित कोयले की खरीद की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसे कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बड़ी साजिश बताते हुए सरकार से पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
पूर्व में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी आदेश पर यूपी समेत कई राज्यों ने आयातित कोयले की खरीद के लिए हामी भर दी। अब ऊर्जा मंत्रालय ने अपने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए नया आदेश जारी किया है कि राज्य चाहें तो घरेलू कोयले में मिश्रण के लिए आयातित कोयला खरीदें या न खरीदें।
इधर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा परिषद पहले से ही आयातित कोयले की खरीद के लिए केंद्र सरकार की ओर से दबाव बनाए जाने का विरोध कर रहा था। नए आदेश से राज्यों को बड़ी राहत मिली है। अब सभी राज्य अपने स्तर पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हो गए हैं।
वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य सरकार की ओर से 12 जुलाई को दो महीने के लिए आयातित कोयला खरीदने की दी गई सहमति तत्काल वापस लेनी चाहिए। इस पर लगभग 1098 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आयातित कोयले की खरीद के लिए फैसले किए गए हैं उसकी सीबीआई जांच कराकर साजिश का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
आशा खबर / शिखा यादव