कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मंगलवार को कृतज्ञ भारत अपने वीर सपूतों को श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है। लोग भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और शौर्य को गौरवान्वित करने वाले इस ऐतिहासिक दिन पर वीरता का सम्मान करते हुए नमन कर रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों द्वारा घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानियों को भगाकर सर्वोच्च चोटी कारगिल पर कब्जा करने वाले मां भारती के सपूतों को नमन किया जा रहा है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा है कि भारत के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए कर्तव्य पथ पर अपना अंतिम बलिदान दिया। उल्लेखनीय है कि 23 साल पहले 1999 में पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) सहित बड़े क्षेत्र में घुसपैठ कर दिया था।
इसकी सूचना मिलते ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कड़ा एक्शन लेते हुए ऑपरेशन विजय शुरू कर दिया था। दोनों तरफ से 60 दिन तक हुए जंग के बाद आज ही के दिन भारतीय सेना सशस्त्र बल ने सर्वोच्च चोटी कारगिल पर तिरंगा लहरा कर पाकिस्तानियों को अपने मांद में घुसने के लिए मजबूर कर दिया था। इस दौरान घुसपैठ करने वाले आतंकवादी और पाकिस्तानी सैनिक चुन-चुन कर मारे गए। जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को देशवासी कारगिल विजय दिवस मनाते हुए अपने वीर सपूत के शौर्य को नमन करते हैं।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा