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450 बेरोजगारों से ढाई करोड़ की ठगी, पुलिस ने गिरोह के चार को दबोचकर 80 पासपोर्ट

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पासपोर्ट

लखनऊ पुलिस ने बुधवार देर शाम चार को गिरफ्तार कर नेटवर्क का खुलासा किया। इनका जाल बिहार तक फैला है। आरोपियों के पास से 80 पासपोर्ट, एक लाख रुपये नकदी व छह लाख का सामान बरामद हुआ है। पुलिस सरगना को तलाश रही है।

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 450 बेरोजगारों से ढाई करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह का विभूतिखंड पुलिस ने बुधवार देर शाम खुलासा कर चार को गिरफ्तार किया। इनका नेटवर्क बिहार तक फैला है। आरोपियों के पास से 80 पासपोर्ट, एक लाख रुपये नकदी व छह लाख का सामान बरामद हुआ है। पुलिस सरगना को तलाश रही है।

डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक हमीरपुर निवासी पुष्पेंद्र कुमार यादव, सिवान के मंजेश दुबे, जहानाबाद फरीदपुर के जावेद इकबाल और बहराइच के  मुकेश वर्मा के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार के खरगापुर निवासी श्याम प्रसाद ने तहरीर दी थी। इसमें विदेश भेजने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद विभूतिखंड के तखवा स्थित कोस्ट लाइन कंपनी के कार्यालय पर दबिश देकर चारों को दबोचा।

देर रात सिवान के बाबू दास अंसारी, बिहार में धनौढ़ा के गोपाल उपाध्याय और फैजुल्लागंज निवासी सोनू यादव की तहरीर पर भी केस दर्ज किया गया। पीड़ितों ने बताया कि रकम वसूलने के बाद शातिर वीजा देने की बात कहकर पासपोर्ट रख लेते। इन्हें उस वक्त दिया जाता, जब फ्लाइट का समय होता था। इसके बाद जालसाज अपनी ट्रैवेल एजेंसी के जरिये कराए टिकट को फ्लाइट छूटने से पहले रद्द करा देते थे। उधर, एयरपोर्ट पहुंचने पर पीड़ितों को टिकट कैंसिल मिलता था। फिर आरोपी कॉल नहीं रिसीव करते थे। पुलिस के मुताबिक नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से 50-70 हजार रुपये वसूले गए।

फर्जी तरीके से बनाते थे मेडिकल
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि किसी को विदेश भेजने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होता है। ऐसे में वे बेरोजगारों को उनके नाम-पते का फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर थमा देते थे। वहीं, पीड़ित भी प्रमाणपत्र मिलने के बाद जालसाजों पर भरोसा कर रकम दे देते थे। पुलिस ने आरोपियों के कार्यालय से 20 से अधिक युवकों के चिकित्सकीय प्रमाणपत्र बरामद किए हैं। इन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड डॉ. आशीष मिश्रा के मुताबिक जावेद ने हरदोई के गोपामऊ में आलीशान मकान भी बनवा रखा है। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन कंप्यूटर, सीपीयू, 10 रुपये वाले 37 स्टॉम्प पेपर भी बरामद किए।

जिनकी एंबेसी नहीं उन देशों के बनवाजे वीजा
पुलिस के मुताबिक गिरोह खासकर उन देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देता, जिनकी एंबेसी भारत में नहीं है। इससे बेरोजगार अपने वीजा के बारे में जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं। गिरोह के एजेंट यूपी के सभी जिलों में हैं, जो बेरोजगारों को फंसाते हैं। वसूल की जाने वाली रकम में इनका हिस्सा तय होता था। वहीं, गिरोह का नेटवर्क बिहार में खास तौर पर यूपी के सीमावर्ती जिलों गोपालगंज, सिवान, बेतिया, छपरा, सासाराम, बेगूसराय और पटना तक है।

आशा खबर /शिखा यादव

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