इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग खंड चार में पर्यवेक्षक पद से सेवानिवृत किए जाने के अधिशासी अभियंता के 30 जून 2022 के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पर्यवेक्षक विजय श्याम तिवारी को फिर से सेवा बहाली का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची को सेवा में मानते हुए उसे वेतन प्रदान किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने विजय श्याम तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि अधिशासी अभियंता ने अपने 30 जून 2022 के आदेश से उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया। जबकि, हाईस्कूल से लेकर उनके सभी रिकॉर्डों में उनकी जन्मतिथि पांच जुलाई 1962 दर्ज है। इस संबंध में उन्होंने विभाग को सूचित भी किया था। विभाग उनके हाईस्कूल के अंकपत्र की जांच कराकर सत्यापन भी कर चुका है। इसके बावजूद उन्हें एक महीने पहले ही सेवानिवृत्त कर दिया गया। उन्होंने इसे गलत बताया।
कहा कि विभाग उनके साथ अन्याय कर रहा है। विभाग उनके हाईस्कूल के प्रमाणपत्र को न मानकर बिना किसी कारण के मुख्य चिकित्सा अधिकारी इलाहाबाद द्वारा जारी मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र में दर्ज जन्मतिथि 19 जून 1962 को मान रहा है।
कोर्ट ने याची के तर्कों को सही माना और उन्हें 31 जुलाई तक सेवा में मानते हुए काम करने का आदेश पारित किया। कहा कि याची की जन्मतिथि हाईस्कूल प्रमाणपत्र के आधार पर मानते हुए उसे राशि का भुगतान किया जाए।
आशा खबर / शिखा यादव