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प्रयागराज में सूखे के हालात, शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव

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फसलें सूख कर हो रही तबाह ( symbolic photo)

  • अभी 10 फीसदी भी नहीं हुई धान की रोपाई, कृषि विभाग ने तहसीलों को पत्र लिख मांगी रिपोर्ट
  • जुलाई में अब तक हुई सिर्फ 14 मिमी बरसात, इस महीने में होनी चाहिए 300 मिमी बारिश
  • बारिश नहीं होने से लोग गर्मी से बेहाल तो हैं हीं, खेती को लेकर भी हालात बिगड़ गए हैं। अभी तक धान की 10 फीसदी भी रोपाई नहीं हुई है। संबंधित विभागों ने लिखकर दिया है कि एक सप्ताह और बारिश नहीं हुई तो धान की खेती की संभावना धूमिल हो जाएगी। इसे देखते हुए जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की तैयारी शुरू हो गई है। एक-दो दिनों में शासन तथा कृषि निदेशालय को इस बाबत प्रस्ताव भेजा जाएगा।

    सावन शुरू हो गया है लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इसकी वजह से धान की रोपाई अधर में है। नर्सरी सूखने लगी है। जहां रोपाई हो गई है, वहां फसल पर सूखने का खतरा है। धान का कटोरा कहे जाने वाले कोरांव में हालात ज्यादा खराब हैं। पूरे यमुनापार में खेतों में दरार पड़ गई है। इसे देखते हुए कृषि विभाग की ओर से तहसीलों को पत्र लिखकर धान की रोपाई के बारे जानकारी मांगी गई है।

    उप निदेशक कृषि विनोद कुमार का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आने की उम्मीद है। जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई तो 31 जुलाई तक जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है। ताकि, इसके बाद कम पानी में होने वाली फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा सके। जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य का कहना है कि सूखे के हालात बन रहे हैं।

    जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव एक-दो दिनों में निदेशालय तथा शासन को भेजा जाएगा। एडीम वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह का कहना है कि  यमुनापार में हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। सिंचाई विभाग ने भी लिखकर दे दिया है कि एक सप्ताह तक ऐसा ही रहा तो स्थिति भयावह होगी।

    जुलाई में अब तक सिर्फ 14 मिमी बारिश
    अभी तक जिले में मात्र 68 मिमी बारिश हुई है। इसमें भी जुलाई में सिर्फ 14 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि इस महीने में 300 मिमी बारिश होनी चाहिए।

    सिंचाई विभाग ने लिखा पत्र
    नहरों में पानी नहीं है। जल स्तर नीचे जाने से पानी पंप भी नहीं हो पा रहा। ऐेसे में सिंचाई विभाग की ओर से प्रशासन को पत्र लिखा गया है कि एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई या मध्य प्रदेश की तरफ से पानी नहीं आया तो वे कुछ नहीं कर पाएंगे।

    ज्वार, बाजार, अरहर, हाइब्रिड मक्का की खेती पर जोर
    बारिश नहीं होने से किसानों का अब ज्वार, बाजरा की खेती पर जोर है। कृषि विभाग भी कम पानी वाली फसलों की खेती कराने की तैयारी में है। इसके तहत ज्वार, बाजरा के अलावा हाइब्रिड मक्का, अरहर की खेती कराई जाएगी। जिले में सूखे के हालात बनते हैं तो किसानों को इन फसलों की खेती पर सब्सिडी दी जाएगी। उप निदेशक का कहना है कि ज्वार, बाजरा के बीज उपलब्ध हैं। अन्य फसलों के बीज भी मंगाए जाएंगेे।

    दो-तीन दिनों में बारिश की उम्मीद
    मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को बारिश की उम्मीद जताई गई थी लेकिन किसानों को निराशा हुई। अब दो-तीन दिनों में बारिश होने की उम्मीद है। डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि जल्द ही बारिश होने की बात कही जा रही है।

  • आशा खबर / शिखा यादव 

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