Search
Close this search box.

सीवान में विचाराधीन कैदी के मौत, परिजनों ने काटा बवाल

Share:

सीवान सदर अस्पताल के गेट पर धरना देते मृतक कैदी के परिजन

सीवान मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी का इलाज के दौरान सीवान सदर अस्पताल में मौत के बाद जमकर बवाल हुआ । मृतक के परिजनों ने कैदी के साथ तैनात पुलिसकर्मी की जमकर पिटाई कर दी । जान बचाने के लिए पुलिसकर्मी ने राइफल ताना । बावजूद इसके उग्र भीड़ शांत नहीं हुई । इसके बाद पुलिसकर्मी को वहां से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी । सदर अस्पताल में शव रखकर परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं । सीवान मंडल कारा में पिछले 5 दिनों से बंद एक कैदी की रविवार की रात मौत हो गई ।

मृतक के परिजनों ने मंडल कारा में हुई पिटाई के कारण मौत का आरोप लगाया । मृतक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी दिखे । रविवार की शाम कैदी की तबीयत बिगड़ने पर जेल में तैनात पुलिसकर्मी उसे सदर अस्पताल लाया था । इलाज के दौरान कैदी की मौत के बाद परिजनों ने तैनात पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी ।

मृतक की पहचान जीबी नगर तरवारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा के गूलरबागा गांव निवासी अवध यादव का 35 वर्षीय पुत्र बाल्मीकि यादव के रूप में हुई है । मृतक के भाई तुलसी यादव ने बताया कि 12 जुलाई को शराब पीने के मामले में जीबी नगर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के सोनबरसा के गूलरबागा से गिरफ्तार किया था । इसके बाद 13 तारीख को जेल भेज दिया गया ।

परिजन का कहना है कि जेल के भीतर हल्की तबीयत बिगड़ने के बाद कैदी के द्वारा अस्पताल में इलाज कराने की बात कही गई थी । इसके बावजूद भी जेल प्रशासन इलाज कराने से कतराती रही । बताया की कैदी की जोर जबरदस्ती करने पर जेल प्रशासन ने दोनों हाथ बांधकर डंडे से बड़े ही बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी गई । जिस कारण बाल्मीकि यादव की मौत हुई । परिजनों ने कैदी के शरीर के कई भागों पर चोट के निशान भी दिखाएं ।

कैदी की मृत्यु होने के बाद कैदी के परिजन सदर अस्पताल के गेट पर शव को रखकर जमकर बवाल काटा। परिजन सदर अस्पताल के गेट पर धरना पर बैठ गए और टायर जलाकर यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया । जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा । फिलहाल अभी माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है , लेकिन स्थानीय प्रशासन ने परिजनों को समझा बुझाकर कर मुख्य सड़क के जाम को हटवा दिया है।

इस मामले में मृतक के परिजन जिला प्रशासन से इस मामले में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त करने की मांग कर रहे है। वहीं इस मामले में जेल प्रशासन कुछ भी कहने से बच रही है । जेल सुपरिटेंडेंट संजीव कुमार से बात करने की कोशिश की गई । लेकिन कई बार कॉल करने के बावजूद भी उत्तर नहीं दिया ।

आशा खबर / शिखा यादव 

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news