सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने हि.स. से बातचीत में कहा कि खराब जीवनशैली के कारण धीरे-धीरे किशोर एवं युवक हाइपरटेंशन की इस गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। इसलिए बिगडती जीवनशैली को ठीक करना बहुत जरूरी है।
सिविल सार्जन ने कहा कि आहार में फास्टफ़ूड की जगह फलों का सेवन, सुबह जल्दी उठना एवं रात में जल्दी सोना, अवसाद एवं तनाव से बचना एवं नियमित व्यायाम से इस रोग से बचा जा सकता है।अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता कि वह इससे ग्रसित हैं तथा इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं। इसकी अनदेखी करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिष्कघात, लकवा, ह्रदयरोग, किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।
जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश प्रसाद ने बातचीत में कहा कि हाई ब्लडप्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप है। हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए जरुरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लडप्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है।
डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि आमतौर पर यह ब्लडप्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप से बचाव की जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य हाइपरटेंशन जैसी घातक बीमारी का पता लगाने, उसे कंट्रोल या खत्म करना है।
डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि यह दो प्रकार का होता है। पहला एशेनशिएल हाइपरटेंशन जो मूलतः अनुवांशिक, अधिक उम्र होने पर, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है। दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन, जब उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिह्नित हो जाये तो उस स्थिति को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं। यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है।तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का ना लेना, चिंता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थायराइड की समस्या, हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है। हाइपरटेंशन को शुरुआती लक्ष्णों से जाना जा सकता है एवं इससे बचा भी जा सकता है। सर में अत्यधिक दर्द रहना।लगातार थकावट का अहसास। सीने में दर्द होना। सांस लेने में कठिनाई। दृष्टि में धुंधलापन।पेशाब में खून आना।गर्दन, सीने व बाहों में दर्द का लगातार बने रहना।