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निशा ने लगाया उम्र का शतक, दोगुनी हुई पेंशन, जिले में 100 वर्ष पार के आठ पेंशन बने हैं संबल

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प्रतीकात्मक फोटो

जानसेनगंज की इस्लमुन निशा ने जुलाई में 100 साल की उम्र पार कर ली। इसी के साथ वह दोगुनी पेंशन की हकदार हो गई हैं। इसके लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और वह 100 साल की उम्र पार करने वाली पेंशनर्स की सूची में शामिल हो गई हैं। जिले में निशा समेत कुल आठ पेंशनर ऐसे हैं, जो 100 वर्ष की उम्र पार करने के बाद दोगुनी पेंशन पा रहे हैं और परिवार का संबल बने हुए हैं।

कलक्ट्रेट कोषागार में कुल 42 हजार से अधिक पेंशनर्स पंजीकृत हैं। इनमें से 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर्स की संख्या दो हजार से अधिक हैं। यहां सात की उम्र तो 100 वर्ष से अधिक है। इनके अलावा सिविल लाइंस कोषागार के पेंशनर्स की सूची में शामिल अबरार अहमद भी 102 वर्ष के हो गए हैं। अफसरों के अनुसार 100 वर्ष की उम्र पार करने वाले कुल आठ में से दो पेंशनर्स ऐसे हैं, जिनके पेंशन की अवधि सेवा काल से अधिक हो गई है।

 

पेंशन भी अंतिम वेतन से कहीं अधिक हो गई है। इन पेंशनर्स में से इस्मलुन निशा ने एक जुलाई को ही 100 वर्ष की उम्र पार की है। वहीं प्राप्त आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी 2020 को 100 वर्ष की उम्र पार करने वाली दारागंज की सावित्री देवी सबसे उम्रदराज पेंशनर हैं। सावित्री देवी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। चलने में थोड़ी दिक्कत होती है लेकिन सहारा लेकर चल-फिर लेतीं हैं।

सावित्री देवी के बेटे निर्मल शुक्ला बैंक में नौकरी करते थे और रिटायर हो गए हैं। निर्मल का कहना है भगवान की कृपा है। मां का आशीर्वाद बना हुआ और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि पिता कोऑपरेटिव बैंक से रिटायर हुए थे। मार्च में 102 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले अबरार अहमद अपना पूरा काम खुद करते हैं। पुलिस विभाग से रिटायर अबरार की दिनचर्या शुरू से ही नियमित रही है।

आठ पेंशनर्स में छह महिलाएं
100 से अधिक उम्र के आठ पेंशनर्स में से छह महिलाएं हैं। इनमें से ज्यादातर को फेमिली पेंशन मिल रही है। सावित्री देवी, अबरार अहमद, अशगरी बेगम, कांति उपाध्याय, चंपा देवी, निदेश चंद्र पांडेय, इस्लमुन निशा, रानी देवी हैं, जो 100 साल की उम्र पार चुकी हैं। इनमें से चंपा देवी ने इसी वर्ष मई तथा रानी देवी ने फरवरी में 100 वर्ष की उम्र पूरी की है।

बेटियों का जीवन भी सुरक्षित
102 वर्ष के पेंशनर अबरार की दो बेटियां हैं, जो उनके साथ रहतीं हैं। उन्हें भी ताउम्र फेमिली पेंशन मिलेगी। इसके लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

100 वर्ष की आयु में दोगुनी हो जाती है पेंशन
100 वर्ष की आयु में पेंशन दोगुनी हो जाती है। यानी, वेतन से कहीं अधिक पेंशन बनने लगती है। वर्तमान में न्यूनतम बेसिक पेंशन 9000 रुपये है। इस पर महंगाई राहत (डीआर) मिलता है। पेंशन आखिरी वेतन की 50 फीसदी मिलती है, जिसमें 80 वर्ष की उम्र में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। इसके बाद 85 वर्ष में 30 प्रतिशत, 90 की उम्र में 40 तथा 95 साल की उम्र में पेंशन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है। इसके बाद 100 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है।

हर पांच वर्ष में पेंशन में बढ़ोतरी की मांग
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने रिटायरमेंट के बाद हर पांच वर्ष पर पेंशन में पांच फीसदी बढ़ोतरी की मांग की है। इस मांग को लेकर वे आंदोलन की तैयारी में भी हैं। अभी 80 वर्ष की आयु यानी, सेवानिवृत्त के 20 साल बाद पेंशन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रावधान है। इसके विपरीत पेंशनर्स 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पर पेंशन में पांच, 10 और 15 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं। 13 जुलाई को गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन समेत अन्य पेंशनर्स संगठनों की बैठक प्रस्तावित है। बैठक में कैशलेस इलाज, पुरानी पेंशन की बहाली, हर पांच वर्ष में पेंशन में बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की घोषणा संभावित है।
आशा खबर / शिखा यादव 

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