विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को उदयपुर और अमरावती सहित देश के अन्य हिस्सों में हुई मजहबी उन्माद की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि देश शरीयत या जिहाद से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा।
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल और महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की कट्टरपंथियों द्वारा हत्या के विरोध में विहिप ने आज मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक संकल्प मार्च निकाला। मार्च के दौरान लोग सड़क पर भजन गाते और तिरंगा लहराते हुए देशभक्ति गीत गा रहे थे। इसमें दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए। यह साफ संकेत है कि हिंदू समुदाय अब जिहादी ताकतों के हमलों का मूक दर्शक नहीं रहेगा बल्कि कानून की सीमा के भीतर रहकर उनका विरोध करेगा।
जंतर-मंतर पर जनसभा को संबोधित करते हुए विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि उदयपुर और अमरावती घटनाओं में लिप्त दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि शीर्ष अदालत ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है। उन्होंने कहा कि नुपुर के बयान पर पहले सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए कि कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है या नहीं। साथ ही उन्होंने पूछा की देश में सुप्रीम कोर्ट को यह भी निर्धारित करना चाहिए कि अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा क्या है?
विहिप नेता ने इस दौरान मथुरा और काशी में हिन्दू मंदिरों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है और उन्हें आशा है कि भगवान से जुड़े मूल स्थान हमें प्राप्त होंगे।
आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने देशभर में हिन्दू समाज के लोगों को मिल रही धमकियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को धमकी मिलती है तो बजरंग दल के कार्यकर्ता उसके साथ पुलिस में जाकर एफआईआर दर्ज कराएंगे। हिन्दू समाज को डरने की जरूरत नहीं है।
मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नई दिल्ली जिले की डीसीपी अमरुथा गुगुलोथ ने बताया कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए विहिप को सशर्त अनुमति प्रदान की गई।
दरअसल पिछले महीने राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा का समर्थन करने पर समुदाय विशेष द्वारा कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे की नृशंस हत्या से लोगों में नाराजगी है। इस बाबत एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए देश के अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और यह संविधान से ही चलना चाहिए। यहां सरिया (इस्लामी कानून) की गुंजाइश नहीं है।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल