कॉलेज में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्र-छात्रा एवं अपने परिवार को चलाने के लिए स्वावलंबन का प्रयास करने वाले दिव्यांगों को अब बैट्री चालित (इलेक्ट्रिक) ट्राईसाइकिल दिया जाएगा, ताकि उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
ट्राई साइकिल दिए जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया आठ जुलाई से शुरू होगी। अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय के निदेशक की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित वर्चुअल बैठक सभी जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण के सहायक निदेशक को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग बेगूसराय के सहायक निदेशक भुवन कुमार ने बताया कि 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के न्यूनतम 60 प्रतिशत दिव्यांगता वाले वैसे छात्र-छात्राएं जिनका आवास बिहार के किसी भी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय परिसर से तीन किलोमीटर दूर हो, उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही स्वावलंबन के लिए अपना रोजगार करने वाले दिव्यांगजनों को भी अब बैटरी चालित ट्राई साइकिल ही दिया जाएगा। आठ जुलाई से इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो रही है।
बैट्री चालित ट्राईसाईकिल के लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आवेदक को मोबाईल नंबर, ई-मेल एवं आधार नंबर द्वारा पंजीकरण कराना होगा तथा जनरेट हुए यूजर आईडी के माध्यम से आवेदक द्वारा सभी सूचनाएं भरी जाएगी तथा कागज अपलोड किया जायगा। आवेदन के साथ सक्षम प्राधिकार के स्तर से निर्गत अधिकतम दो लाख वार्षिक आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय का आई.डी. कार्ड (पहचान पत्र), रोजगार या व्यवसाय संबंधित प्रमाण-पत्र, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं फोटो आदि पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
आवेदन सबमिट होने के बाद मेकर द्वारा सभी कागजात सहित आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी को अग्रसारित कर दिया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी से जांच होने पर आवेदन जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के माध्यम से जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति के समक्ष रखा जाएगा तथा स्क्रीनिंग समिति योग्य दिव्यांगजनों का चयन करेगी। स्क्रीनिंग समिति द्वारा जारी चयन सूची के आलोक में दिव्यांगजन कोषांग के सहायक निदेशक द्वारा बैट्री चालित ट्राईसाईकिल के लिए एल्मिको को अधियाचना भेजी जाएगी।
एल्मिको द्वारा बैट्री चालित ट्राईसाईकिल की आपूर्ति होने पर जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग द्वारा शिविर के माध्यम से दिव्यांगजनों को उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक से अधिक पात्र दिव्यांगजनों को इसका लाभ दिलाने के लिए विभिन्न स्तर से प्रचार-प्रसार कराने का भी निर्देश दिया गया है।