कुशीनगर के कसया थाना परिसर में शनिवार को आयोजित समाधान दिवस का लेखपालों ने बहिष्कार कर दिया और धरना पर बैठ गए। लेखपालों ने एसएचओ सुधीर कुमार सिंह पर सरकारी कार्यों में असहयोग व दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए एसपी से उन्हें हटाए जाने की मांग की।
लेखपाल संघ के अध्यक्ष नीलेश रंजन राव ने एसएचओ के हटने तक बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की है। लेखपाल-पुलिस विवाद तूल पकड़ने का कारण सिरसिया खोहिया गांव का एक मामला है।
गांव में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा के आदेश पर शनिवार दोपहर को अतिक्रमण हटाए जाने के लिये लेखपाल सुनील कुशवाहा के नेतृत्व में राजस्व टीम गई थी। साथ में दो सिपाही भी गए थे। मौके की पैमाईश के बाद अतिक्रमण हटाने के प्रश्न पर सम्बंधित व्यक्ति टीम से उलझ गया और विवाद पर उतारू हो गया।
लेखपाल कुशवाहा ने विवाद की सूचना लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष नीलेश रंजन राव को दी। जिलाध्यक्ष थाना समाधान दिवस में उपस्थित थे। उन्होंने अनुपस्थित एसएचओ को अवगत कराया और मौके पर फोर्स लेकर चलने को कहा तो वह मना कर दिए। जिसके बाद लेखपाल थाना दिवस का बहिष्कार कर दिए और धरना पर बैठकर विरोध जताया। बाद में लेखपाल संघ भवन पर तहसील के सभी लेखपालों की बैठक हुई।
वरिष्ठ लेखपाल अरविंद पति तिवारी और ब्रजेश मणि त्रिपाठी का कहना है कि विवादित मामलों के निस्तारण, अतिक्रमण आदि हटाए जाने के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश के बावजूद भी एसएचओ पुलिस बल मुहैया कराने में आनाकानी करते हैं। इस दौरान निस्तारण किन्हीं जगहों पर अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जाने पर सूचना दिए जाने के बाद भी स्वयं नहीं आते और अतिरिक्त फोर्स भी नहीं भेजते। ऐसे में लेखपाल असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। तहसील के मामलों के निस्तारण में एसएचओ की कोई रुचि नहीं है। सम्पूर्ण समाधान दिवस मजाक बनकर रह गया है। एसएचओ सरकार व प्रशासन की मंशा के विरुद्ध कार्य कर छवि धूमिल कर रहे हैं। एसएचओ ने लेखपालों के आरोप को निराधार बताया है। एएसपी रितेश कुमार सिंह ने मामले की जांच की बात कही है।