भारत ने नई दिल्ली में आसियान समिट का आयोजन किया। इसके बाद आसियान समूह के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को मुख्य मुद्दा बनाया। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भरोसा जताया कि आसियान समूह के देशों के साथ यह भागीदारी निश्चित ही बढ़ेगी।
नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को देश की राजधानी में दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) समूह के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने आसियान समूह के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया। विदेश मंत्री ने विश्वास जताया कि भारत और 10 देशों के समूह आसियान के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी और बढ़ेगी। इसके साथ आसियान देशों की ताकत में भी इजाफा होगा।जयशंकर ने आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के वरिष्ठ अधिकारियों के एक समूह से मुलाकात के बाद यह बात कही। विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘नई दिल्ली में आज दोपहर आसियान के वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत करके खुशी हुई। हमारे सहयोग में प्रगति के बारे में बताये जाने से प्रसन्न हूं। आसियान-भारत बैठकें भारत के राजनयिक कैलेंडर की एक महत्वपूर्ण विशेषता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विश्वास है कि हमारी समग्र रणनीतिक साझेदारी और बढ़ेगी। इससे आसियान की सामूहिक ताकत में भी इजाफा होगा।
दुनिया का प्रभावशाली संगठन है आसियान
आसियान को इस क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक माना जाता है। आसियान में भारत और अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं। वहीं आसियान के सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया हैं। भारत ने आसियान देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ ही साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को लेकर काम शुरू कर दिया है। ताकि इसके सभी सदस्य देशों को रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में फायदा मिल सके।