सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि भाजपा 2024 में राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, इसलिए महिलाओं को बताया जा रहा है कि उन्होंने ऐतिहासिक काम किया है। जबकि उन्हें यह काम 2014 में करना चाहिए था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक पर सवाल उठाए हैं और इसे राजनीतिक कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा 2024 में इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहती है, तो उसे 2014 में महिला आरक्षण विधेयक पेश करना चाहिए था, जब वह केंद्र की सत्ता में आई थी। क्योंकि विधेयक को लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन करना होगा।
अनुराग ठाकुर का सिब्बल पर पलटवार
वहीं, सिब्बल के दावे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के मसौदे के समय कपिल सिब्बल कानून मंत्री थे। इसे पहले 2008 में पेश किया गया था और वह जानते हैं कि तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने कभी भी इस विधेयक को पारित करने का इरादा नहीं किया था। ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस 2010 में जब सत्ता में थी, तब भी महिला नेताओं को आरक्षण नहीं देना चाहती थी और अब भी ऐसा करना चाहती है। भाजपा नेता ने कहा, “कांग्रेस ने न तो इंदिरा गांधी के नेतृत्व में महिलाओं को आरक्षण दिया और न ही सोनिया गांधी के नेतृत्व में उस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया। न तो (जवाहरलाल) नेहरू जी और न ही राजीव गांधी के नेतृत्व में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था।