केरल के देवस्वओम मंत्री के. राधाकृष्णन को पुजारियों ने मंदिर में मुख्य दीप प्रज्ज्वलित करने से रोक दिया था, क्योंकि वे एक दलित समुदाय से आते हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के दलित मंत्री के. राधाकृष्णन के साथ मंदिर में भेदभाव पर हैरानी जताई। सीएम विजयन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राधाकृष्णन से बात करने के बाद इस दिशा में उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हमारे राज्य में ऐसा कुछ होगा, विश्वास नहीं किया जा सकता।
बता दें, केरल के देवस्वओम मंत्री के. राधाकृष्णन को पुजारियों ने मंदिर में मुख्य दीप प्रज्ज्वलित करने से रोक दिया था, क्योंकि वे एक दलित समुदाय से आते हैं। इस घटना पर अनुसूचित जाति समुदाय से संबंध रखने वाले राधाकृष्णन ने कहा कि मंदिर के दो पुजारियों ने उन्हें वह ‘लौ’ सौंपने से इन्कार कर दिया, जो वे उद्घाटन के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर मुख्य दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए लाए थे। मंत्री ने आरोप लगाया कि इसके बजाय उन्होंने खुद मुख्य दीप प्रज्ज्वलित किया और उसके बाद, उन्होंने ‘लौ’ को जमीन पर रख दिया, ताकि मैं उठाकर दीप जलाऊं।
सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य राधाकृष्णन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा, मैंने सोचा कि यह एक परंपरा का हिस्सा है और इससे छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। हालांकि मंत्री ने मंदिर के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन समाचार चैनलों ने कन्नूर जिले के पय्यानूर में एक मंदिर में नादपंडाल के हालिया उद्घाटन के दृश्य प्रसारित किए, जिसमें मंत्री ने भाग लिया था।