केंद्र सरकार, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना सरकारों को बनाया प्रतिवादी
-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में हुई हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि अग्निपथ योजना से सेना में शामिल होने वाले नौजवानों को अपने भविष्य को लेकर संशय बना रहेगा। याचिका में इस योजना के राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय सेना पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग भी की गई है।
याचिका में कहा गया है कि अग्निपथ योजना के विरोध में नाराज प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली-भागलपुर विक्रमशिला एक्सप्रेस की 20 बोगियों में आग लगा दी। नाराज प्रदर्शनकारियों ने बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को भी आग के हवाले कर दिया। विरोध प्रदर्शनों का दायरा इतना बड़ा है कि पूर्व मध्य रेलवे को 164 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। पटना जंक्शन पर हजारों यात्री ट्रेन न मिलने की वजह से फंसे हुए हैं।
विरोध प्रदर्शनों की खबरों को उद्धृत करते हुए याचिका में कहा गया है कि अब तक 300 अंतर्राज्यीय ट्रेनें और 200 प्रमुख ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। याचिका में केंद्र सरकार, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना सरकारों को प्रतिवादी बनाया गया है।