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तालिबान ने खत्म किया महिलाओं का जीवन, यूएन ने कहा- दबाव में काम नहीं कर पा रहे महिला अधिकार समूह

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आइरीन खान ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि महिला अधिकार समूह लैंगिक समानता के लिए संघर्ष के साथ-साथ महिला अधिकारों को प्रोत्साहन में भी अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं पर बंदिशों की वजह से उन्हें खासा दबाव झेलना पड़ रहा है।

अफगानिस्तान में तालिबान की पहरेदारी की वजह से महिलाओं का सार्वजनिक जीवन पूरी तरह से खत्म हो गया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 53वें नियमित सत्र के दौरान यूएन की स्पेशल रिपोर्टर आइरीन खान ने महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव का जिक्र करते हुए खासतौर पर अफगानिस्तान की स्थिति पर चिंता जताई। इस बीच, मेडिकल परीक्षा में एक भी महिला उम्मीदवार का शामिल न होना दर्शाता है कि तालिबान की कट्टर नीतियां कैसे महिलाओं का दमन कर रहीं हैं।अफगान न्यूज चैनल टोलो न्यूज के मुताबिक, आइरीन खान ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि महिला अधिकार समूह लैंगिक समानता के लिए संघर्ष के साथ-साथ महिला अधिकारों को प्रोत्साहन में भी अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं पर बंदिशों की वजह से उन्हें खासा दबाव झेलना पड़ रहा है। अफगानिस्तान इसका एक बड़ा उदाहरण है। सत्र के दौरान महिला अधिकार कार्यकर्ता और मानवाधिकार परिषद में अफगानिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि सुरैया पैकन ने कहा, किसी मंत्रालय या संस्थान में महिलाओं की महज उपस्थिति ही उन्हें समान कानूनी अधिकार नहीं दिलाती है।

काबुल मेडिकल परीक्षा में कोई महिला उम्मीदवार नहीं
टोलो न्यूज के मुताबिक, काबुल स्थित पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी में जनरल इंटर्नल मेडिसिन एंड सर्जरी के लिए हुई परीक्षा में 2,000 से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए। लेकिन इसमें कोई भी महिला प्रतिभागी नहीं थी।

उलेमा कर रहे लड़कियों को आगे पढ़ाने की वकालत
इस बीच, अफगानिस्तान के परवान प्रांत के कुछ उलेमाओं ने तालिबान शासन से गुहार लगाई है कि लड़कियों को छठी कक्षा से आगे पढ़ाने के लिए उनके स्कूल फिर से खोले जाएं। हाल में एक मदरसे के उद्घाटन के मौके पर उलेमाओं ने कहा कि लड़कियों के लिए दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी महत्वपूर्ण है। इसलिए तालिबान शासन से आग्रह है कि पूरे देश में लड़कियों की पढ़ाई के उनके स्कूल फिर से खोले जाएं।

तालिबान का दावा-समृद्धि और सुकून भरा जीवन दे रहे
लड़कियों को पढ़ने से रोकने, महिला अधिकारों के दमन और उन्हें सार्वजनिक जीवन से दूर कर देने की खबरों के बीच तालिबान ने दावा किया है कि उसके राज में महिलाओं की बेहतरी के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं ताकि वह एक समृद्ध और सुकून भरा जीवन जी सकें। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने बकरीद की छुट्टी से पहले रविवार को एक खास संदेश जारी किया। इसमें उसने दावा किया कि इस्लामिक अमीरात शासन के दौरान महिलाओं को जबरन विवाह जैसी तमाम कुप्रथाओं से मुक्ति दिलाई गई है।

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