रूस में वैगनर ग्रुप की बगावत पर उन्होंने कहा कि भाड़े के सैनिकों के मुखिया येवगेनी बेलारूस वापस चले जाएंगे। इसके एवज में रूस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। इसके अलावा भाड़े के सैनिक रूसी सेना में शामिल होने के लिए भी पंजीकृत कर सकती है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च राजकीय सम्मान से सम्मानित किया। मिस्र में मिले सम्मान पर पूर्व राजनयिक ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत के लिए मिस्र अहम
भारत के पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अब पीएम मोदी राजकीय दौरे पर वहां गए। उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल से सम्मानित किया गया। 26 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी मिस्र गए, जिससे संदेश गया कि भारत के लिए मिस्र के साथ रिश्ते मायने रखते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भारत-मिस्र दोनों देश द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं।
रूसी सरकार और वैगनर के बीच हुआ करार
रूस में वैगनर ग्रुप की बगावत पर उन्होंने कहा कि भाड़े के सैनिकों के मुखिया येवगेनी बेलारूस वापस चले जाएंगे। इसके एवज में रूस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। इसके अलावा भाड़े के सैनिक रूसी सेना में शामिल होने के लिए भी पंजीकृत कर सकती है। बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया था कि आज रात नौ बजे, राष्ट्रपति ने फिर से फोन पर बात की। बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको ने वैगनर समूह के नेता के साथ बातचीत के परिणामों के बारे में रूस के राष्ट्रपति को सूचित किया। इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें धन्यवाद भी कहा।
वैगनर ग्रुप को खत्म करना चाहिए था
रूसी लोकतंत्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि रूस असल में लोकतांत्रिक देश नहीं है। आप समझ सकते हैं कि मैं क्या बोलना चाहता हूं। इनकी अपनी तरह की सरकार है। खैर वर्तमान संकट टल गया। भाड़े के सैनिकों को खत्म किया जाना चाहिए था। लेकिन इसका मतलब होता कि रूसी ही रूसी का खून बहाएं, जो पुतिन नहीं चाहते थे।