लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में बसपा जुट गई है। बसपा के सिपहसालार उम्मीदवारों की तलाश में जुट गए हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने निर्देश दिए हैं कि सही समीकरण के आधार पर उम्मीदवार फाइनल करो।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में बसपा ने ताकत लगानी शुरू कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी कोआर्डिनेटरो को निर्देश दिए हैं कि अभी से उम्मीदवार तलाशने शुरू करें। खास तौर पर गैर विवादित व शिक्षित लोगों को ही उम्मीदवार बनाया जाए। इसके अलावा यह भी यह भी ध्यान दिया दें कि उम्मीदवार आपराधिक प्रवृति के न हों। सभी कोआर्डिनेटरों ने यह तलाश शुरू कर दी है। बसपा विधानसभा चुनाव की गलतियों को दोहराना नहीं चाहती है। विधानसभा चुनाव में बसपा की ऐसी दुर्गति हुई कि उसका बस एक ही उम्मीदवार जीत पाया।
यही कारण है कि इस बार उम्मीदवार चयन में फूंक फूंक पर कदम रखने को कहा गया है। बसपा प्रमुख मायावती ने हाल ही में सभी कोआर्डिनेटरों की बैठक की है। सभी को संगठन मजबूती के लिए कहा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि बूथ कमेटियों तक को पूरी तरह से मजबूत किया जाए।
खास तौर पर युवाओं को जोड़ा जाए। साथ ही महिलाओं को भी संगठन से जोड़ा जाए। इसके अलावा उम्मीदवारों के चयन पर फोकस किया गया। उसी आधार पर अब बसपा कोआर्डिनेटरों ने उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है।
समीकरण पर जोर
विधानसभा चुनाव में बसपा ने मुस्लिमों को साधने की पूरी कोशिश की थी। भले ही इस फार्मूले से बसपा को सफलता न मिल पाई पर लोकसभा चुनाव में भी बसपा का फोकस दलित मुस्लिम समीकरणों पर ही है।
विधानसभा चुनाव में बसपा ने मुस्लिमों को साधने की पूरी कोशिश की थी। भले ही इस फार्मूले से बसपा को सफलता न मिल पाई पर लोकसभा चुनाव में भी बसपा का फोकस दलित मुस्लिम समीकरणों पर ही है।
बसपा थिंक टैंक का मानना है कि यदि मुस्लिम और दलित एक साथ आ गए तो वास्तव में बसपा को एक बड़ी सफलता मिल सकती है। एक आधार तैयार हो सकता है। चूंकि अब बसपा का दलित वोटर भी खिसकने लगा है तो बसपा को एक मजबूत आधार की तलाश है।
उधर मुस्लिम भी एक मजबूत राजनीतिक समीकरण की तलाश में हैं। बसपा का मानना है कि यह समीकरण दलितों और मुस्लिम दोनों के लिए ही बेहतर होगा। इसलिए इसी समीकरण के आधार पर उम्मीदवार तलाशने को कहा गया है।