मसौदा निर्देश में सूचना सुरक्षा जोखिमों सहित साइबर सुरक्षा जोखिमों की पहचान, मूल्यांकन, निगरानी और प्रबंधन के लिए संचालन व्यवस्था को शामिल किया गया है। ये निर्देश सुरक्षित डिजिटल भुगतान लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत सुरक्षा उपायों का भी निर्धारण करते हैं।
तेजी से बढ़ रहे डिजिटल भुगतान की धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब कवायद तेज हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पिछले काफी वक्त से देश में पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स के लिए एक भुगतान सुरक्षा नियंत्रण और साइबर के लिए दिशा-निर्देश पर काम कर रहा है। अब केंद्रीय बैंक ने इसे लेकर मसौदा का मास्टर सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें अलग-अलग पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को अमल के लिए समय दिया गया ह
मसौदा निर्देश में सूचना सुरक्षा जोखिमों सहित साइबर सुरक्षा जोखिमों की पहचान, मूल्यांकन, निगरानी और प्रबंधन के लिए संचालन व्यवस्था को शामिल किया गया है। ये निर्देश सुरक्षित डिजिटल भुगतान लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत सुरक्षा उपायों का भी निर्धारण करते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा, कार्ड भुगतान, प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) और मोबाइल बैंकिंग से संबंधित सुरक्षा और जोखिम कम करने के लिए मौजूदा निर्देश प्रभावी रहेंगे। आरबीआई ने संबंधित पक्षों से इस पर 30 जून तक प्रतिक्रिया मांगा है
अगले साल अप्रैल से हो सकता है लागू
इस मसौदे को 1 अप्रैल 2024 से लेकर 1 अप्रैल 2028 तक अमल में लाने का प्रस्ताव है। बड़े नॉन बैंक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स के लिए 1 अप्रैल 2024 की समयसीमा तय की गई है। मध्यम गैर बैंक ऑपरेटर्स के लिए 1 अप्रैल 2026 और छोटे गैर बैंक ऑपरेटर्स के लिए एक अप्रैल, 2028 की समय सीमा तय की गई है।