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भारतीय रिकर्व टीम नौ वर्ष बाद तीरंदाजी विश्वकप के फाइनल में, चीन से होगी खिताबी टक्कर

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भारत ने रिकर्व तीरंदाजी में विश्वकप में अपना पिछला स्वर्ण 2010 में शंघाई में जीता था। पिछली बार रिकर्व टीम 2014 में मेडेलिन में स्टेज-2 में फाइनल में पहुंची थी लेकिन कोरिया से टाईब्रेकर में हार के बाद रजत मिला था।

भारतीय रिकर्व तीरंदाजी टीम ने नौ वर्ष में पहली बार विश्वकप चरण-1 के फाइनल में प्रवेश कर लिया है, जहां उसका सामना चीन से होगा। भारतीय तीरंदाजों ने लगातार तीन जीत हासिल की। अतानु दास, बी धीरज और तरुणदीप राय के पास फाइनल में जीत दर्ज कर भारत को 13 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने का मौका रहेगा।भारत ने रिकर्व तीरंदाजी में विश्वकप में अपना पिछला स्वर्ण 2010 में शंघाई में जीता था। पिछली बार रिकर्व टीम 2014 में मेडेलिन में स्टेज-2 में फाइनल में पहुंची थी लेकिन कोरिया से टाईब्रेकर में हार के बाद रजत मिला था। जब शंघाई में स्वर्ण जीता था तब सेना के तरुणदीप उस टीम का हिस्सा भी रहे हैं।

क्वालिफाइंग दौर में चौथी वरीयता हासिल करने वाली भारतीय टीम को पहले दौर में बाई मिला था। उसके बाद उसने 13वीं वरीयता की जापानी टीम को शूट ऑफ में 29-28 की जीत के साथ 5-4 से हराया। भारतीय तीरंदाजों ने तीन प्रयासों में से दो बार (10, 10, 09) दस अंक पर सटीक निशाना लगाया।
इससे पहले दोनों टीमें 4-4 (49-52, 57-22, 54-51, 52-57) से बराबरी पर थीं। उसके बाद भारत ने 12वीं वरीयता की चीनी ताइपे और नौवीं वरीयता की नीदरलैंड की टीम को एकसमान 6-2 से हराया। भारत फाइनल में दूसरी वरीयता की टीम चीन से और नीदरलैंड कांस्य पदक के मुकाबले के लिए स्लोवेनिया से खेलेगा।

चीनी ताइपे को हराने में भारत को ज्यादा परेशानी नहीं हुई और उसने शुरुआत में 4-0 की बढ़त बना ली थी। नीदरलैंड के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं था क्योंकि उन्होंने शीर्ष वरीय मेजबान तुर्किये को 6-0 से हराया था। तुर्किये की टीम में गत ओलंपिक चैंपियन मेते गाजोज भी थे। डच टीम ने शुरुआत में 2-0 की बढ़त बना ली थी लेकिन भारतीय तीरंदाजों ने शानदार वापसी की। संयोग से यह वही जगह है जहां 2008 में जयंत तालुकदार, राहुल बनर्जी और मंगल सिंह चांपिया ने मलयेशिया को 218-215 से हराकर स्वर्ण जिताया था।

ज्योति कपाउंड व्यक्तिगत वर्ग के सेमीफाइनल में 
इस बीच कंपाउंड के महिला व्यक्तिगत वर्ग में भारतीय तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेनम सेमीफाइनल में पहुंच गईं। क्वालिफिकेशन में 713 के स्कोर के साथ विश्वरिकॉर्ड की बराबरी करने वालीं ज्योति ने लगातार चौथी जीत हासिल की। अब उनका सामना दुनिया की नंबर एक इंग्लैंड की इला गिब्सन से होगा।
ज्योति ने लगातार तीन बार 150 में से 145 का स्कोर किया और स्विट्जरलैंड की माइरियाम, अमेरिका की डेनेली और मैक्सिको की एना सोफिया को पराजित किया। क्वार्टर फाइनल में ज्योति ने 12 बार सटीक 10 अंक पर निशाना लगाते हुए 147 स्कोर किया और डेनमार्क की तेजा गेलनथियन को 147-142 से हराया।

व्यक्तिगत वर्ग में भारत की ओर से ज्योति ही पदक की होड़ में हैं। टीम वर्ग में ज्योति, अवनीत कौर और अदिति स्वामी को पहले दौर में अमेरिका से 225-233 से हार मिली। पुरुष कंपाउंड टीम चीनी ताइपे से 234-236 से हार गई। महिला रिकर्व टीम भजन कौर, अंकिता भगत और सिमरनजीत कौर को प्री क्वार्टर में स्पेन से 2-6 से हार मिली।

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