उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के नए अध्यक्ष पांचू राम मौर्य ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है। मधुसूदन त्रिपाठी से उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। मधुसूदन त्रिपाठी का कार्यकाल 31 जनवरी 2023 को समाप्त हो गया। मधुसूदन को छह माह के लिए यूपी बार काउंसिल का अध्यक्ष चुना गया था। इसके बाद पांचूराम को अध्यक्ष बनाया जाना था।
पांचू राम मौर्य मूलत: जौनपुर के रहने वाले हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। अध्यक्ष के अलावा सचिव पद पर राकेश पाठक को पदभार ग्रहण कराया गया। राकेश पाठक भी हाईकोर्ट के अधिवक्ता हैं। इस मौके पर जय नारायण पांडेय, अजय यादव, जानकी शरण पांडेय, विनोद कुमार पांडेय, श्रीश कुमार मेहरोत्रा, अनुराग पांडेय सहित हाईकोर्ट के कई अधिवक्ता मौजूद रहे।
छह-छह माह का दायित्व रहेगा दोनों अध्यक्षों के पास
गोरखपुर के मधुसूदन त्रिपाठी व इलाहाबाद हाईकोर्ट के पांचूराम मौर्य को यूपी बार काउंसिल का अध्यक्ष चुना गया था। लखनऊ के जय नारायण पांडे को उपाध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष चुने गए मधुसूदन व पांचू राम का कार्यकाल छह-छह माह रहेगा। यूपी बार काउंसिल के चुनाव में मधुसूदन त्रिपाठी और पांचू राम मौर्य को 13-13 मत मिले थे। दोनों को बराबर मत मिलने के कारण एक वर्ष का कार्यकाल छह-छह माह में बांट दिया गया है। बराबर मत मिलने के बाद यूपी बार काउंसिल के सदस्य व निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने मधुसूदन त्रिपाठी व पांचूराम मौर्य को संयुक्त रूप से अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किया गया था।
तय हुआ था पहले छह माह मधुसूदन त्रिपाठी रहेंगे अध्यक्ष
दोनों निर्वाचित अध्यक्ष की आपसी सहमति से तय हुआ कि पहले 6 माह यानी 1 अगस्त 2022 से 31 जनवरी 2023 तक मधुसूदन त्रिपाठी और द्वितीय चरण में पांचवी राम मौर्य 1 फरवरी 2023 से 31 जुलाई 2023 तक अध्यक्ष पद पर रहेंगे। उपाध्यक्ष पद पर जय नारायण पांडेय को 14 और शिव किशोर गौड़ को 12 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार उपाध्यक्ष पद पर जय प्रकाश पांडे को विजई घोषित किया गया। उनका कार्यकाल 1 अगस्त 2022 से 31 जुलाई 2023 तक रहेगा। यूपी बार काउंसिल बार अधिवक्ताओं को पंजीकरण लाइसेंस देती है। वकीलों के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई भी करती है। उनके खिलाफ एक्शन भी लेती है।