अजमेर से ब्रांद्रा जा रही ट्रेन की बोगी में रविवार सुबह सवा सात बजे अचानक आग लग गई और धुआ उठने से अफरा तफरी मच गई। घटना किशनगढ़ रेलवे स्टेशन पर हुई। यात्री बाहर निकले और रेलवे कर्मचारियों ने फायर उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाया। करीब आधा घंटा ट्रेन किशनगढ़ रेलवे स्टेशन पर रुकी। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बोगी के ब्रेक लॉक जाम होने से धुंआ उठा। यह एक टेक्नीकल फाल्ट था, जिसे दुरुस्त कर दिया गया।
अजमेर ब्रांद्रा ट्रेन 6.35 बजे अजमेर से चली और 7.05 बजे किशनगढ़ पहुंची। बोगी बी-3 में आग लग रही थी। धुआं उठ रहा था। इस दौरान बोगी में सवार लोग अचानक नीचे उतरे और अफरा तफरी सी मच गई। बाद में रेलवे कर्मचारी आग बुझाने के उपकरण लेकर आए और आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि ब्रेक लॉक व्हील के चिपक गए थे। ये फाइबर के होते है और ऐसे में धुंआ हो गया था।
किशनगढ़ निवासी नीतिन रूणवाल ने बताया कि वह किशनगढ़ से मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर गया था। रेलवे कर्मचारियों ने करीब आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया। शुरुआती जांच में सामने आय़ा कि ब्रेक शू चिपकने के कारण ट्रेन के नीचे के हिस्से में आग लगनी शुरू हुई थी। जो धीरे-धीरे बढ़ रही थी। मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना रेलवे कर्मचारियों को दी।
फोटो सहयोग-शंकरपुरी गोस्वामी, किशनगढ़
राजस्थान में सूर्यनगरी एक्सप्रेस ट्रेन पलटी:24 यात्री घायल,12 ट्रेनें डायवर्ट; एक-दूसरे पर गिरे लोग, सीट के नीचे फंसे
राजस्थान में पाली जिले के बोमादडा गांव के पास सोमवार सुबह करीब साढ़े 3 बजे सूर्यनगरी सुफरफास्ट ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेन के 3 डिब्बे पलट गए, जबकि 11 डिब्बे पटरी से उतर गए। गनीमत रही कि हादसे में फिलहाल किसी की जान जाने की खबर नहीं है। 24 यात्री घायल हुए हैं, इसमें चार स्काउट स्टूडेंट शामिल हैं। मौके पर भारी संख्या में रेलवे, पुलिस और प्रशासनिक अफसर पहुंच चुके हैं। हादसे के कारण की जांच की जा रही है। हादसे से यात्री बुरी तरह घबरा गए। ट्रेन से अपना सामान निकालकर पटरी-पटरी पैदल ही आगे जाते नजर आए।
पटरी से 80 फीट दूर गिरा ट्रेन का कोच:मोबाइल देखते-देखते नीचे लुढ़का; यात्रियों की जुबानी- कैसे पलटी ट्रेन
अल सुबह साढ़े तीन बजे का समय…सूचना मिली कि बांद्रा से जोधपुर जा रही सूर्य नगरी ट्रेन के कोच पलट गए हैं। हादसा पाली शहर से 20 किलोमीटर दूर बोमादड़ा के पास हुआ। वहां पहुंचना आसान नहीं था। भास्कर रिपोर्टर हॉस्पिटल पहुंचा तो प्रशासन अलर्ट हो चुका था, एंबुलेंस रवाना होने वाली थी। भास्कर रिपोर्टर भी एंबुलेंस में सवार होकर मौके पर पहुंचा। अंधेरा इतना था कि पता भी नहीं चल रहा था कि कौन सा कोच कहां पर है।