आधे मध्यप्रदेश यानि ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है। ठंड के साथ ही पाले की मार शुरू हो गई है। इससे जहां फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। वहीं, अब लोगों में फ्रॉस्टबाइट का खतरा भी बढ़ गया है।
फ्रॉस्टबाइट एक संभावित स्थाई स्थिति है, जो तब होती है, जब शरीर के ऊतक (जैसे हाथ और पैर की उंगलियां, कान) ठंडे मौसम या ठंडे पानी के संपर्क में आने से घायल हो जाते हैं। सर्दियों के दौरान ठंडी हवाओं और अधिक ऊंचाई पर शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) की आशंका ज्यादा होती है। यह तब भी हो सकता है, जब स्किन ढंकी हुई हो।
शीतलहर के चलते नर्मदापुरम जिला कंपकंपा रहा है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। पचमढ़ी में 7 जनवरी की रात सीजन की सबसे सर्द रात रही। रात का पारा लुढ़ककर 1 डिग्री पहुंच गया। रविवार सुबह 6.30 बजे जब लोग सोकर उठे तो गाड़ियों और घास पर ओंस की बूंदे जमी हुई मिलीं। उधर नर्मदापुरम में तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। नए साल में पचमढ़ी में पहली बार पारा 3 डिग्री और नर्मदापुरम में 7.6 डिग्री पहुंचा है।
यहां घना कोहरा
मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल, रायसेन, रतलाम, नीमच, मंदसौर, उमरिया, छतरपुर, और टीकमगढ़ में घना कोहरा रहा। इसके साथ ही चंबल, उमरिया, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया और ग्वालियर में पाला पड़ने लगा है।
क्या होता है पाला?
जब वायुमंडल का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या फिर इससे नीचे चला जाता है, तो हवा का प्रवाह बंद हो जाता है। इस वजह से पौधों की कोशिकाओं में और ऊपर मौजूद पानी जम जाता है। ठोस बर्फ की पतली परत बन जाती है। इसे ही पाला पड़ना कहते हैं। इससे पौधों की कोशिकाओं की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। स्टोमेटा नष्ट हो जाता है। पाला पड़ने की वजह से कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्सीजन और वाष्प की विनियम प्रक्रिया भी बाधित होती है।
यहां शीतलहर का जोर
चंबल, उमरिया, छतरपुर, गुना, टीकमगढ़, दतिया और ग्वालियर में कहीं-कहीं शीतलहर चली। इन इलाकों में पारा 4 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। इससे यहां दिन में भी कोल्ड डे रहा। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने इन इलाकों में एडवाइजरी जारी की है।
- रायसेन में शनिवार को सड़कों पर घना कोहरा रहा।
कोहरा के कारण यह खतरा
- ड्राइविंग मुश्किल हो जाता है। दुर्घटना की आशंका रहती है।
- न्यूनतम दृश्यता होने के कारण हवाई यात्रा प्रभावित हो गई है।
- घने कोहरे में मौजूद कण, पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ जाती है।
- आंखों में जलन, लाली या सूजन हो सकती है।
कोल्ड-डे और कोल्ड-वेव से यह खतरा
- लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने पर फ्रॉस्टबाइट और विभिन्न बीमारियों की आशंका रहती है। इससे फ्लू, बहती नाक और नकसीर की समस्या बढ़ जाती है।
- कंपकंपी, शरीर की गर्मी जाने का पहला संकेत।
- बाहरी शरीर के अंग जैसे उंगलियां, नाक की स्किन पीली, सख्त और सुन्न पड़ सकती है।
- कुछ जगह कृषि (गेहूं, आलू, सरसों और अन्य रबी फसलें) जलापूर्ति, परिवहन और बिजली क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। सरसों के फूल समय से 15 दिन पहले आ गए हैं।
शीतलहर व पाले से फसलों को कैसे होता है नुकसान
शीतलहर व पाले से फसलों व फलदार पेड़ों की उत्पादकता पर विपरीत असर पड़ता है। फसलों में फूल और बालियां/फलियां आने या उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां और फूल सिकुड़ने लगते हैं। कुछ फसलें बहुत ज्यादा तापमान या पाला झेल नहीं पातीं, जिससे उनके खराब होने का खतरा रहता है।
पाला पड़ने के दौरान अगर फसल की देखभाल नहीं की जाए, तो उस पर आने वाले फल या फूल झड़ सकते हैं। जिससे पत्तियों का रंग मिट्टी जैसा दिखता है। अगर शीतलहर हवा के रूप में चलती रहे, तो उससे नुकसान नहीं होता, लेकिन हवा रुक जाए तो पाला पड़ता है, जो फसलों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है। पाले की वजह से अधिकतर पौधों के फूलों के गिरने से पैदावार में कमी हो जाती है।
पाला पड़ने से तुअर, मसूर को ज्यादा नुकसान
हॉर्टिकल्चर एक्सपर्ट डॉ. आरके जायसवाल के मुताबिक पाले से गेहूं, चने को करीब 10%, तुअर, मसूर को 40%, मटर को 15% नुकसान पहुंच सकता है।
चेक-इन के डेढ़ घंटे बाद भोपाल-आगरा फ्लाइट रद्द
भोपाल में राजा भोज एयरपोर्ट पर शनिवार सुबह चैक-इन के बाद अचानक इंडिगो की भोपाल-आगरा फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया। प्रबंधन का तर्क था कि कोहरा ज्यादा होने के कारण फ्लाइट कैंसिल की गई है। इस फ्लाइट से 52 यात्री रवाना होने वाले थे, जिन्हें चैक-इन के 90 मिनट के बाद उड़ान रद्द होने की जानकारी दी गई। इसके चलते उन्हें परेशान होना पड़ा। यात्रियों ने पहले तो इंडिगो प्रबंधन के सामने नाराजगी जताई इसके बाद एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर अल्टरनेट इंतजाम कराने की मांग की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इंडिगो का तर्क- आगरा एयरपोर्ट मिलिट्री का, परमिशन नहीं मिली
इंडिगो की मीडिया हेड ने बताया कि आगरा में काफी कोहरा था और ATR-72 एयरक्राफ्ट से फ्लाइट को ऑपरेट करना मुश्किल था। आगरा एयरपोर्ट मिलिट्री का है। यहां के सारे ऑपरेशन्स मिलिट्री की परमिशन से ही होते हैं। यदि आगरा फ्लाइट को देर से ऑपरेट किया जाता, तो वहां मिलिट्री के एयर ऑपरेशन्स में समस्या आ सकती थी। ऐसे में आगरा एयरपोर्ट प्रबंधन ने फ्लाइट को ऑपरेट करने से इंकार कर दिया। इसलिए फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी।
इन इलाकों में जबरदस्त ठंड
शुक्रवार रात नौगांव (छतरपुर) की सबसे सर्द रही। यहां न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री चला गया। डिंडौरी में छतों और गाड़ियों पर ओस जम गई। खजुराहो में 1.6, उमरिया में 1.7, ग्वालियर और मलाजखंड में 2.5, गुना और दमोह में 3 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा। रीवा में 4, सीधी में 4.4, सागर में 5 डिग्री तापमान के साथ यहां की रातें भी कड़ाके की ठंड की जकड़ में रहीं। भोपाल में रात का तापमान 8, तो इंदौर में 11 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।