गुजरात के मां काली मंदिर का पुजारी रेपिस्ट निकला। राजस्थान में नाबालिग से रेप किया। उसका अबॉर्शन कराया और फरार हो गया। 11 महीने बाद पुलिस ने गुरुवार को उसे जूनागढ़ (गुजरात) से गिरफ्तार किया है। उस पर 25 हजार का इनाम था। उसने अपनी दाढ़ी कटवा ली है। पूरी तरह हुलिया बदल लिया है। वेश बदलकर वह मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था। कुछ क्षण के लिए तो पुलिस भी उसे पहचान नहीं पाई। पुलिस के पास एक साल पुराना जो फोटो थी, उसमें घनी दाढ़ी और मूंछें थीं। फरारी के दौरान उसने अपने कई बार नाम भी बदले हैं। मामला बाड़मेर का है।
पिछले साल जनवरी में दर्ज हुआ था मामला
जनवरी 2021 में बाड़मेर महिला थाने में रेप पीड़िता ने मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बताया था कि तांत्रिक लाल बाबा उर्फ देवनारायण उर्फ देवदास उर्फ चुन्नी लाल उर्फ वीरदेव पुत्र शंकरराम गुरु किशोरदास चाचा-चाची के घर पर आता था। चाची भतीजी को दवा खिलाकर बेहोश कर देती थी। इसके बाद तांत्रिक रेप करता था। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। प्रेग्नेंट नहीं हो इसके लिए अबॉर्शन के लिए गोलियां भी खिलाईं। शादी के बाद प्रेग्नेंट नहीं होने पर डॉक्टरों से जांच करवाने पर खुलासा हुआ कि लड़की का अबॉर्शन हो चुका है। इसके बाद पीड़िता ने आपबीती अपने पति को बताई। तब जाकर मामला थाने पहुंचा।
उदयपुर का रहने वाला है
एसपी दीपक भार्गव के मुताबिक, स्पेशल टीम को तकनीकी मदद से फरार लाल बाबा के जूनागढ़ जिले में होने की सूचना मिली। जूनागढ़ के अखोदर पुलिस थाना क्षेत्र के केशोद स्थित मां काली मंदिर में वह पुजारी बनकर रह रहा था। बाड़मेर पुलिस ने जूनागढ़ पुलिस के सहयोग से मां काली मंदिर से लाल बाबा को हिरासत में लिया। पूछताछ में सामने आया है कि यह किसी सम्प्रदाय से जुड़ा है। फिलहाल यह सभी जांच का विषय है। लाल बाबा डागी वाडा पोस्ट डाल तहसील सलूंबर जिला उदयपुर का रहने वाला है।
आरोपी ने हुलिया बदलने के साथ बदले नाम
पुलिस के अनुसार, बाड़मेर में वारदात के दौरान लाल बाबा की दाढ़ी-मूंछ थी। महिला थाने में एफआईआर होने के बाद उसने अपना वेश बदल लिया। दाढ़ी-मूंछ कटवा ली। कभी जिंस पैंट में रहता था तो कभी काला चश्मा लगाकर घूमता था। कभी सफेद तो कभी भगवा रंग के कपड़े पहनता था। पुलिस उसे पहचान नहीं पा रही थी। इस दौरान उसने अपने नाम लाल बाबा से देवनारायण, देवदास, चुन्नीलाल, वीरदेव तक बताए।
काली माता के मंदिर से पकड़ा
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी बाबा को जिस मंदिर से हिरासत में लिया था, वहां कोई साधु रहता था। उसके जाने के बाद वह मंदिर को संभालने लगा। यहां पूजा-पाठ के साथ नाड़ी देखता है और लोगों को देसी दवाइयां भी देता था। इससे पहले पुलिस ने आरोपी की तलाश में झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात के सभी संभावित मठ व जंगलों की खाक छानी। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद बाबा ने मोबाइल भी रखना बंद कर दिया था।
टीमों ने यहां पर दी दबिश
एसपी दीपक भार्गव के मुताबिक, जिले की अलग-अलग टीमों ने लाल बाबा के ठिकाने बगीची आश्रम वेलागिरी, अनादरा जिला सिरोही, डांगीवाड़ा पोस्ट डाल तहसील सलुंबर उदयपुर, झल्लारा उदयपुर, अंबाजी, अहमदाबाद, बोकारो, झारखंड, बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाणा, डूंगरपुर, राजसमंद, सिरोही, आबूरोड आदि स्थानों पर दबिश दी गई। फिर भी लाल बाबा का कोई सुराग नहीं लगा।
करीब एक साल पहले दर्ज हुए मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए महिला थाना सीआई मूलाराम, सेड़वा सीआई हंसाराम, कोतवाल गंगाराम, डीएसपी राजीव पंवार, एएसपी नरपतसिंह, डीसीआरबी प्रभारी महिपालसिंह, डीएसटी कॉन्स्टेबल मोहनलाल सहित सात टीमें लगातार एक साल में 10-12 हजार किलोमीटर तक छानबीन की।