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पंजाब के पांच किसान संगठन राज्य के पानी और जुमला मुश्तरका मालिकान जमीनों को पंचायतों के नाम करने के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। गुरुवार को चंडीगढ़ में आयोजित सेमिनार के बाद इन संगठनों ने 30 नवंबर से चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने का एलान किया। इसके साथ ही दो से 15 दिसंबर तक राज्यभर में झंडा मार्च के आयोजन की भी घोषणा की। Trending Videos सेमिनार के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि किसान संगठन अगले महीने से पंजाब के पानी की लड़ाई शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई की शुरुआत कर दी गई है और चंडीगढ़ में सेमिनार के बाद 28 नवंबर को जालंधर और 30 नवंबर को बठिंडा में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए 50 हजार पोस्टर रिलीज किए गए हैं और 50 हजार ओर पोस्टर भी जल्द जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के इस आंदोलन को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है और 2 से 15 दिसंबर तक राज्यभर में किसान संगठन झंडा मार्च करेंगे। पानी के मसले पर राजेवाल ने कहा कि किसानों को पहले से जितना पानी अलॉट किया गया था, उतना पानी अब खेतों तक नहीं पहुंच रहा। उन्होंने कहा कि जब से ट्यूबवेल आधारित सिंचाई शुरू की गई है, विभाग ने रजवाहों की सफाई ही नहीं की, जिसके चलते प्रत्येक रजवाहा पांच किलोमीटर पहले ही खत्म हो जाता है और खेतों तक पूरा पानी पहुंच नहीं पाता। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह पानी कहां गया? उन्होंने आगे कहा कि पानी की लड़ाई केंद्र सरकार के साथ भी है, क्योंकि आज तक पानी को लेकर जितने भी समझौते किए गए, वह सभी अवैध हैं, क्योंकि पानी राज्य का विषय है। उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी को लेकर या तो केंद्र रिपेरियन सिद्धांत को माने या हरियाणा को पानी देने से पहले 60:40 के अनुपात में यमुना का पानी भी पंजाब को दे। जुमला मुश्तरका मालिकान जमीनों के बारे में राजेवाल ने कहा कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद पंजाब सरकार ने जल्दबाजी में कानून बना दिया, जिससे पूरे पंजाब के किसानों में घबराहट है। विज्ञापन उन्होंने कहा कि जब मुरब्बाबंदी के दौरान कट लगाया गया था, तब इन जमीनों को कामन-कॉज के लिए छोड़ दिया था। अब ये जमीनें किसानों से छीनकर पंचायतों को देने का फैसला पूरी तरह गलत है और इसका विरोध किया जाएगा। और पढ़ें…

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साफ मौसम के बीच कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घाटी में शीत लहर के बीच लगभग जिलों में रात का तापमान शून्य डिग्री से नीचे चला गया है। लेह और कारगिल में भी कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ रही है।

जम्मू समेत कई जिलों में दिन के पारे में सुधार हुआ है लेकिन रात में ठंड जारी है। श्रीनगर में बीती रात का न्यूनतम तापमान माइनस 0.8, काजीकुंड में माइनस 2.0, पहलगाम में माइनस 4.4, कुपवाड़ा में माइनस 2.4, कोकरनाग में माइनस 1.0 दर्ज किया गया।

 

गुलमर्ग में माइनस 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह में बीती रात का न्यूनतम तापमान माइनस 9.0 और कारगिल में माइनस 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू में दिनभर साफ मौसम के बीच अधिकतम तापमान 25.7 और न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बनिहाल में बीती रात का न्यूनतम तापमान 10.0, बटोत में 7.3, कटड़ा में 9.6, भद्रवाह में 3.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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